DRG Jawans Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई जारी है. केंद्र और राज्य सरकार की घोषणाओं के अनुसार 31 मार्च 2026 ‘नक्सल-मुक्त भारत' की डेडलाइन है. इसी मिशन के बीच 3 दिसंबर 2025 को छत्तीसगढ़ ने डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड (DRG) के तीन बहादुर जवान खो दिए. ये वो जवान थे, जो नक्सलियों से शेर की तरह लड़ा करते थे. तीनों शूरवीर डटकर लड़े और मैदान में वीरगति को प्राप्त हुए. उनकी यह शहादत युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ के नक्सलवाद से सर्वाधिक प्रभावित बस्तर संभाग के बीजापुर–दंतेवाड़ा बॉर्डर पर 3 दिसंबर 2025 की सुबह सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच आमना-सामना हो गया. दोनों ओर से भारी मात्रा में गोलियां चलीं. बीजापुर में DRG जवानों ने 12 माओवादियों को न्यूट्रलाइज किया है. क्षेत्र में लगातार सर्च और कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है. इस मुठभेड़ में DRG बीजापुर के प्रधान आरक्षक मोनू वडड़ी, आरक्षक दुकारू गोंडे और आरक्षक रमेश सोड़ी शहीद हो गए.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी श्रद्धांजलि
DRG जवानों की शहादत पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लिखा-“तीन जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. मैं इन वीर जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ. ईश्वर से प्रार्थना है कि शोक-संतप्त परिजनों को यह असहनीय दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें और दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें.”
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि “मुठभेड़ में घायल अन्य दो जवान खतरे से बाहर हैं. उनके उपचार की पूरी व्यवस्था की गई है. मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ. हमारे जवानों का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. इस सफल कार्रवाई ने स्पष्ट कर दिया है कि लाल आतंक का अंत अब बहुत निकट है. हमारी सरकार और सुरक्षा बल ‘माओवाद के पूर्ण खात्मे' के संकल्प पर दृढ़ हैं. जब तक बस्तर के अंतिम गाँव तक शांति, सुरक्षा और विकास का प्रकाश नहीं पहुँच जाता, तब तक हमारा अभियान जारी रहेगा.”
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