Diwali News: दिपावली में दिए की रौशनी और चकाचौंध करने वाली वो सजावट भी फीकी पड़ जाती है, जब परिवार का कोई सदस्य घर से बाहर हो या उसका परिवार ही बिखर गया हो. ऐसे में उस परिवार को संजो कर रखने वाले बड़े बुजुर्गों की पीड़ा का आंकलन कर पाना भी मुश्किल है, जिन्हें उन बच्चों ने वद्धाश्रम में डाल दिया है, जिन्हें पालने और जिनकी जिंदगी को संवारने के लिए उन्होंने अपनी जिंदगी तक को दांव पर लगा दिया करते थे.
देशभर में आज दिवाली का त्यौहार मनाया रहा है. घर को सजाने के लिए बाजारों में एक से बढ़कर एक रंग बिरंगे झालर के साथ-साथ सोने-चांदी, नए-नए कई तरह से सामानों की खरीददारी की जाती है. घरों में दिए जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. फटाखे फोड़े जाते हैं, मिठाइयां बांटी जाती है. गांव हो या शहर सभी जगह दीपावली हर किसी के लिए खाश होता है, लेकिन ये खास दिन उन बुजुर्गों को पीड़ादायक हो जाता है, जिनके अपनों ने ही अपने घर से निकाल कर वृद्धाश्रमों में डाल दिया है.
बच्चों ने निकाला अब वृद्धाश्रम है सहारा
बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र में सुवाणी वृद्धाश्रम संचालित किया जा रहा है. जहां 22 महिला और पुरुष बुजुर्गों को आश्रय दिया गया है. इनमें से कई लोग सक्षम परिवार से हैं, लेकिन उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया है. ये वो लोग हैं, जिन्होंने अपने खून पसीने की कमाई से घर बनाया और परिवार को संजो कर रखा, लेकिन घर परिवार में सुख शांति के दिए जलाने वाले इन बड़े बुजुर्गों की हालत आज बहुत ही पीड़ादायक है. दरअसल, ये अपने घरों से दूर एक अनाथ की तरह वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं. यह जान कर आपकी आंखें नम हो जाएगी, जिन्होंने अपने संतानों की अच्छी परवरिश और अपने पैर पर खड़ा होना सिखाया आज उनके अपने बेटे-बेटियों ने उन्हें घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया. उन्हीं कई तहर से प्रताड़ित किया.
बच्चों ने मारपीट कर घर से भगा दिया
जोरापारा में संचालित वृद्धाश्रम में कई ऐसे बुजुर्ग हैं, जिन्होंने अपनी आप बीती "NDTV टीम" को सुनाई, जिसे सुन कर आपकी आंखें नम हो जाएंगी और आप हैरान हो जाएंगे. उत्सव और त्योहार को याद करके इन बड़े बुजुर्गों की आंखें नम हो जाती है. ये सभी अपने परिवार के सदस्यों को याद करते हैं. कई लोग ऐसे हैं, जो अपने परिवार वालों से मिलना चाहते हैं और वापस घर जाना चाहते हैं, लेकिन यह घर जाएं भी तो कैसे. दरअसल, लाठी-डंडों से मारपीट करने वाले अपने बच्चों की प्रताड़ना से खौफ खाकर ये बुजुर्ग माता-पिता अपने घर से भागने को मजबूर हुए हैं.
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आज पूरे देश भर में दीपावली का त्यौहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है, लेकिन देश विभिन्न स्थानों में न जाने कितने वृद्धाश्रम है, जहां पर घर से बेघर हुए लोग आश्रय में रहते हैं. ऐसे में ये खुशियों की दीपावली उनके लिए फीकी पड़ जाती है. क्या आपने कभी सोचा है कि उन लोगों पर त्योहार के मौके पर क्या बीत रही होगी, जिनके पास घर, परिवार होते हुए भी अपने परिवार से अलग एक वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है.
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