तेंदुए के पंजे-नाखून काटकर पैरा में छिपाया, आरोपी को वनविभाग ने पकड़ा, पूछताछ में होगा खुलासा

Chhattisgarh: धमतरी में वन विभाग की टीम को सफलता मिली है. मृत तेंदुए के पंजे और नाखून निकालने वाले शिकारी को पकड़ लिया है. आइए जानते हैं पूरा मामला... 

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के धमतरी में तेंदुए के पंजे निकलने वाले शिकारी आरोपी को पुलिस ने दबोच लिया है. पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से मृत तेंदुआ के नाखून और हथियार बरामद किए गए हैं. वन विभाग आगे की कार्रवाई में जुट गया है. 

दरअसल धमतरी जिले के मगरलोड क्षेत्र के उत्तर सिंगपुर वन परिक्षेत्र कक्ष क्रमांक 23 कोरगांव कनडबरा के जंगल में कुएं में एक तेंदुआ के गिरने की जानकारी वन विभाग को मिली थी. वहीं स्थानीय चरवाहा की सूचना पर मौके पर वन विभाग की टीम जब पहुंची, तो मृत तेंदुआ का शव कुएं में नहीं पाया गया.. वहीं कुछ दूर जंगल में मृत तेंदुआ का शव पाया गया...वन विभाग को तेंदुए के शिकार होने का आशंका हुआ. जिस के बाद वन विभाग आसपास के लोगों से पूछताछ की.

मृत अवस्था में पाए गए तेंदुए की उम्र लगभग एक वर्ष बताया जा रहा है और मृत तेंदुआ को देखकर ऐसा लगा की शिकारी द्वारा शिकार किया गया होगा. मृत तेंदुए के चारों पैर के पंजे कटे हुए पाए गए थे.

वन विभाग को अवैध शिकार की आशंका हुई थी. इसके बाद आसपास वन विभाग के द्वारा संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही थी.इसके बाद वन विभाग को बड़ी सफलता हाथ लगी है. मृत तेंदुआ के पैरों के नाखून और पंजे काटकर पैरा में छुपा कर रखने वाले एक आरोपी को वन विभाग ने धर दबोचा. वहीं अन्य तीन आरोपियों की संलिप्तता के आधार पर उन्हें पड़कर पूछताछ की जा रही है.

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हथियार भी बरामद 

घटना का मुख्य आरोपी गोवर्धन पटेल के घर  के पैरा में छुपा कर रखे गए मृत तेंदुआ के नाखून को जब्त किया गया और पंजे, और पंजे काटने में प्रयुक्त हथियार भी बरामद किया गया है. आरोपी से पूछताछ करने पर आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया. वही मृत तेंदुआ के संबंध में पकड़े गए,आरोपी के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर वन अपराध प्रकरण क्रमांक 14907/02 में  अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है.

चल रही है पूछताछ 

वन अपराध में संलिप्तता की संभावना के आधार पर तीन व्यक्तियों से पूछताछ भी की जा रही है.  प्रथम दृश्य तेंदुआ की मृत्यु का कारण कुएं में डूबना प्रतीत होता है . नियम अनुसार तीन सदस्यी पशु चिकित्सकों के दल द्वारा शव परीक्षण कराया गया और पोस्टमार्टम के बाद फॉरेंसिक जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है. इसके बाद फोरेंसिक रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही तेंदुए की मृत्यु के वास्तविक कारण की पुष्टि वन विभाग द्वारा की जाएगी. 

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