CG News: अगस्त 2024 में अचानक गायब हुई चलना पदर गांव की एक नाबालिग लड़की ने मंगलवार रात जब घर की दहलीज़ पर कदम रखा, तो पूरा गांव सन्न रह गया. लड़की के लापता होने के बाद पुलिस ने अपहरण, हत्या और कंकाल की कहानी तक बुन डाली थी. यहां तक कि एक कब्र तक खुदवा दी गई थी. लेकिन अब उसकी वापसी ने पूरे मामले को एक रहस्यमयी मोड़ दे दिया है.
गौरतलब है कि लापता होने के बाद पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर पड़ोस के ही 40 वर्षीय युवक लालधर गौड़ को हिरासत में लिया था. पूछताछ के दौरान जब युवक ने गोलमोल जवाब दिए, तो पुलिस को शक हुआ कि हत्या कर शव दफना दिया गया है. संदेही की निशानदेही पर गांव के श्मशान घाट में एक कब्र खुदवाई गई. कार्यपालिक दंडाधिकारी की मौजूदगी में जब कब्र खोदी गई, तो उसमें से एक कंकाल निकला लेकिन फॉरेंसिक जांच में वो कंकाल 10 साल पुराना पाया गया.
आदिवासी समाज में था आक्रोश
इस कार्रवाई से आक्रोशित आदिवासी समाज ने 27 मार्च को देवभोग थाने का घेराव कर दिया. आदिवासी विकास परिषद की नेत्री लोकेश्वरी नेताम और संजय नेताम के नेतृत्व में समाज ने पुलिस पर शारीरिक और मानसिक यातना के आरोप लगाए. यहां तक कहा गया कि पुलिस की पिटाई से लालधर का एक पैर टूट गया है.
घर वाले रह गए दंग
इसी बीच मंगलवार रात अचानक जब लड़की अपने माता-पिता के पुरनापानी स्थित कुरलापारा घर लौट आई, तो सभी हैरान रह गए. पूछताछ में युवती ने बताया कि वह बालोद जिले में अपने एक रिश्तेदार के घर रह रही थी. पुलिस ने औपचारिक बयान लेने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया.
क्या बोली पुलिस?
देवभोग थाना प्रभारी फैजुल होदा शाह ने बताया कि जब मामला दर्ज हुआ था, तब युवती नाबालिग थी. अब वह बालिग हो चुकी है, इसलिए उसका बयान बीएनएस 183 के तहत न्यायालय में दर्ज कराया जाएगा. बयान के आधार पर ही तय होगा कि अपहरण हुआ था या उसने स्वेच्छा से घर छोड़ा था.
अब असली सवाल ये है कि अगर अपहरण नहीं हुआ, तो कब्र खुदवाने तक की नौबत कैसे आई? क्या पुलिस ने जल्दबाज़ी की, या गांव की कोई गहरी साजिश सामने आने वाली है? फिलहाल, ये मामला गरियाबंद में चर्चा के साथ ही सबसे बड़ा रहस्य बन चुका है.
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