Jugad Bridge: जब वर्षों तक नहीं हुई सुनवाई तो सामूहिक श्रमदान से ग्रामीण यहां बना रहे 'जुगाड़ का पुल'

Makeshift Bridge: रावण की लंका तक पहुंचने के लिए जैसे भगवान राम ने कंकड़-पत्थरों की मदद से ऐतिहासिक 'राम सेतू' नामक पुल का निर्माण किया था. कुछ ऐसा ही प्रयास दंतेवाड़ा जिले के कौरगांव के ग्रामीण सामूहिक श्रमदान से नदी पर जुगाड़ का पुल निर्माण कर रहे हैं, ताकि उनके बच्चे स्कूल जा सके.  

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DUE TO ADMINISTRATIVE NEGLIGENCE VILLAGERS BUILT OWN MAKESHIFT BRIDGE OVER RIVER, DANTEWADA, CG

Villagers Builit Bridge To Cross River: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जिला दंतेवाड़ा में ग्रामीणों ने नदी को पार करने के लिए श्रमदान कर अस्थाई पुल का निर्माण कर रहे है. वर्षों तक प्रशासन से एक अदद पुल की मांग कर रहे ग्रामीणों को जब प्रशासनिक अमले से हक नहीं मिला तो ग्रामीणों ने आने-जाने के लिए नदी पर पुल बनाने का निर्णय किया.

रावण की लंका तक पहुंचने के लिए जैसे भगवान राम ने कंकड़-पत्थरों की मदद से ऐतिहासिक 'राम सेतू' नामक पुल का निर्माण किया था. कुछ ऐसा ही प्रयास दंतेवाड़ा जिले के कौरगांव के ग्रामीण सामूहिक श्रमदान से नदी पर जुगाड़ का पुल निर्माण कर रहे हैं, ताकि उनके बच्चे स्कूल जा सके.  

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आने-जाने आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए कामचलाऊ पुल बना रहे ग्रामीण

दंतेवाड़ा जिले के कौरगांव गांव में ग्रामीण कई सालों से ग्रामीण नदी पर ब्रिज बनाने की डिमांड कर रहे थे ताकि उन्हें आने-जाने आ रही दिक्कतों से समाधान मिल सके, लेकिन जब सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीण खुद ही अपनी समस्या का समाधान तलाश लिया और नदी को पार करने के लिए जुगाड़ का पुल तैयार करना शुरू कर दिया.

नदी में उतर कर ग्रामीण कर रहे हैं नदी पर पुल निर्माण

सामूहिक श्रमदान से नदी पर बन रहे जुगाड़ के पुल की तस्वीरें कर रहीं रोमांचित 

गौरतलब है कौरगांव गांव में सामूहिक श्रमदान के जरिए बनाए जा रहे जुगाड़ के पुल की तस्वीरें रोमांचित कर रहीं हैं. ग्रामीणों द्वारा तैयार किया जा रहा जुगाड़ का पुल बांस, लकड़ी और कंकरीट के खंबों से निर्मित किया जा रहा है. सामूहिक श्रमदान तैयार हो रहे अस्थाई पुल के निर्माण में गांव के बूढ़े-बुजुर्ग, युवा-अधेड़ और महिलाएं और बच्चियां सभी शामिल हैं. 

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महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग और युवा सभी मिलकर कौरगांव की नदी पर जुगाड़ पुल का निर्माण कर एक अस्थायी रास्ता तैयार कर रहे हैं, ताकि ग्रामीणों को रोजमर्रा की दिक्कतों से राहत मिल सके.कोई बांस और लकड़ी लाने में जुटा है, तो कोई नदी में खंभे गाड़कर पुल को आकार देने में लगा है.

नदी पर अस्थाई पुल बनाने के लिए पसीना बहाते हुए कौरगांव के ग्रामीण

बच्चों को स्कूल जाने और मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में ग्रामीणों को होती है दिक्कत

नदी पर पुल बनाने में जुटे ग्रामीणों की शिकायत हैं कि वर्षों से नदी पर पुल बनाने की मांग की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. ग्रामीणों ने बताया कि नदी पर पुल नहीं होने से छोटे बच्चों को स्कूल जाने में, मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कत हो रही थी, इसलिए उन्होंने खुद ही नदी पर पुल बनाने का निर्णय ले लिया. 

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