12 बार के कॉल में 11 घंटे बाद पहुंची एंबुलेंस, मरीज की मौत, शव ले जाने के लिए भी घंटों करना पड़ गया इंतजार  

CG News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एंबुलेंस के इंतजार में एक मरीज की जान चली गई. इस मामले को लेकर अस्पताल में जमकर बवाल हुआ. 

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बेहद हैरान करने वाला एक मामला सामने आया है. मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए दो-चार नहीं बल्कि 12 बार परिजनों को एंबुलेंस के लिए 108 पर कॉल करना पड़ा. एंबुलेंस 11 घंटे के बाद पहुंची. इसके इंतजार में मरीज की मौत हो गई. ये बात सिर्फ यहीं तक नहीं रुकी.

मरीज की मौत के बाद भी शव को घर ले जाने के लिए 9 बार कॉल करना पड़ गया.  इस मामले के बाद अस्पताल में जमकर बवाल मच गया. पूरा मामला जिले के गीदम ब्लॉक के रोंजे गांव का है. 

दरअसल रोंजे गांव के रहने वाले मुन्ना राम कश्यप की रविवार की रात से तबियत खराब थी. उसे लगातार उल्टी हो रही थी. भाई राकेश कश्यप ने बताया कि उनके बड़े भाई  मुन्ना राम को अस्पताल ले जाने के लिए सोमवार की सुबह 9 बजकर 41 मिनट संजीवनी 108 को पहला कॉल किया गया था. कॉल उठाया और काट दिया.

इसके बाद 10 बजकर 56 मिनट तक लगातार कॉल करते रहे. कॉल सेंटर से कहा गया था कि एंबुलेंस को मौके पर भेज रहे हैं, थोड़ा इंतजार करिए. करीब 12 बार कॉल और 11 घंटे इंतजार करने के बाद भी 108 समय पर नहीं पहुंची. 

11 घंटे बाद आई 108

परिजनों ने दिनभर 108 का इंतजार किया. वहीं शाम 7:30 से 8 बजे के बीच 108 आई, तब तक मरीज को निजी वाहन के माध्यम से अस्पताल लाया गया था. अस्पताल लाने के बाद डॉक्टर इलाज कर रहे थे. इसी बीच करीब 10 मिनट के अंदर ही मरीज ने दम तोड़ दिया.

जिसके बाद परिजन और ग्रामीणों का जमकर गुस्सा फूटा और जमकर बवाल चला. इस घटना की खबर मिलते ही आदिवासी समाज के लोग भी पहुंचे.  ग्रामीणों और परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची इसलिए मरीज की जान चली गई. 

शव ले जाने 9 बार किया कॉल

वहीं मरीज की मौत के बाद उसके शव को अस्पताल से घर ले जाने के लिए भी शव वाहन नहीं मिली. शव ले जाने करीब 9 बार एंबुलेंस को कॉल किया गया था, जब मामला गरमाया और इसकी जानकारी SDM और तहसीलदार तक पहुंची तो रात 11:15 को शव ले जाने के लिए एंबुलेंस आई. परिजनों को करीब साढ़े 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ गया.

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गीदम अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर राज मौर्य का कहना है कि जब मरीज को लाया गया था तब उसकी स्थिति नाजुक थी. इलाज कर ही रहे थे कि उसकी मौत हो गई.  

रोंजे गांव के सरपंच अनिल कुमार तर्मा ने कहा कि एंबुलेंस कर्मचारियों की लेट-लतीफी और लापरवाही के चलते जान गई है. हमारी मांग है कि ऐसे कर्मचारियों पर कड़ा एक्शन लिया जाए. 

जानकारी मिलते ही भेजे थे 

इस मामले को लेकर दंतेवाड़ा जिले के एंबुलेंस प्रबंधन श्याम कश्यप का कहना है कि हमें शाम 7 से 7:30 बजे के बीच केस के बारे में जानकारी मिली थी. जानकारी मिलते ही एंबुलेंस को मौके के लिए भेजा गया था.

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