CG: जिला अस्पताल में लाखों का फर्जीवाड़ा! बाबू पर एफआईआर दर्ज, वेंडर्स की भी बढ़ी मुश्किलें 

CG News: नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में लाखों रुपये को फर्जी तरीके से निकालने वाले बाबू पर एफआईआर दर्ज हो गई है. इस मामले में वेंडर्स से भी पूछताछ होगी. 

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में हो रहे घोटालों का लगातार पर्दाफाश हो रहा है. जिला अस्पताल के कई मामलों की अभी जांच चल ही रही है. इनमें से फर्जी चेक आहरण के मामले में अस्पताल के अकाउंटेंट सहायक ग्रेड 2 अभिजीत सिंह चौहान पर एफआईआर भी दर्ज हो गई है. इसके बाद अब जिला अस्पताल में फिर से हड़कंप मच गया. बाबू पर एफआईआर दर्ज होने के बाद अब वेंडर्स की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं. माना जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में और भी नाम सामने आ सकते हैं. 

ये है मामला 

हाल ही में  66 लाख 75 हजार 850 रुपये फर्जी चेक से आहरण होने का खुलासा हुआ था. इसके बाद जिला अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय के बाबू और अन्य पर नामजद एफआईआर दर्ज हो गई है. पुलिसिया कार्रवाई में अन्य आरोपियों की तलाश में दंतेवाड़ा पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अफसर जांच की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. 

चेक से पैसा कैश करने वाले फर्म सरताज ग्लास दुकान 15.52 लाख रुपये, सौरभ ट्रेडर्स 17लाख रुपये, एम ब्रदर्स, आयुष इलेक्ट्रिकल्स को 2-2 लाख के तीन चेक के साथ कुछ व्यक्तिगत खातों में पैसा ट्रांसफर बैंक डिटेल पर दिख रहा है. 

इन सभी  वेंडरों से पूछताछ शुरू की जा रही है. सिविल सर्जन ने इन्हें नोटिस भी जारी किया है. 

इसलिए संदेह के दायरे में 

दरअसल इन फर्मो की भूमिका इसलिए सन्देह के दायरे में है, क्योंकि फर्म के वेंडर्स के नाम पर  सीधे चेक काटे गए हैं. जारी रकम फर्म के वेंडरों ने बैंक से आहरण की है. जानकारी के मुताबिक फर्म के वेंडरों ने सांठ-गांठ कर जीएसटी की रकम 18% काटते हुए इन रुपयों की बंदरबांट की है. 

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नोटिस जारी कर पूछेंगे

अस्पताल अधीक्षक रामलाल गंगेश ने बताया कि किसी भी फर्म का कोई जीएसटी बिल हमारे पास मौजूद नहीं है.न तो इनमें से किसी भी फर्म को कोटेशन या टेंडर वर्क पर हमारे यहां से काम दिया गया है.इन सभी दुकानदारों को नोटिस जारी कर पूछा जाएगा.दंतेवाड़ा थाना प्रभारी विजय पटेल ने भी बताया कि सबसे अहम कड़ी पूर्व कैशियर के साथ वे सभी वेंडर है जिनके खाते में सरकारी रकम ट्रांजेक्शन हुई है.एक-एक से पूछताछ कर जांच आगे बढ़ाई जाएगी. साथ ही इस मामले में जो  संलिप्त जांच के दायरे में आएंगे उन्हें सह अभियुक्त बनाया जाएगा.

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