Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही का नतीजा नेत्र रोगी वृद्धजनों को उठाना पड़ रहा है. हाल ही में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जहां प्रबंधन की लापरवाही के चलते दर्जन भर से ज्यादा लोगों को अपनी आंखें तक गंवानी पड़ सकती थी. गनीमत रही कि समय रहते मामले की जानकारी कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी को मिली. जिसके बाद आनन-फानन में नेत्र रोगियों को राजधानी रायपुर और मेकाज पहुंचाया गया. फिलहाल सभी की स्थिति सामान्य बताई जा रही है. इस मामले का बाद दंतेवाड़ा से लेकर रायपुर तक हड़कंप मच गया है.
ये है मामला
दरअसल मंगलवार को जिला अस्पताल में 20 नेत्र रोगियों की सर्जरी की गई थी. इस सर्जरी के अगले दिन के बाद ही रोगियों को आंखों में काफी परेशानी होने लगी. रोगियों ने इस बात की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को दी. इधर अस्पताल प्रबंधन ने 10 रोगियों को हो रही परेशानी के बीच भी इस बात की जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं दी और न ही उनके रोग दूर करने की दिशा में कोई प्रयास किया.
9 मरीजों का उपचार फिलहाज मेकाहारा में जारी है तो वहीं एक मरीज को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में भर्ती कराया गया है. प्रभावित होने वालों में पालनार से आयतु, मंगू, हड़मामुंडा से कुमा,उडेली से वेली सहित 10 रोगी शामिल हैं.
हेपा फिल्टर्स खराब, दीवार पर थी फंगस
इधर कुछ महीनें पहले ही केंद्र से पहुंची दो सदस्यीय एक टीम ने ओटी का निरीक्षण किया था. जांच में उन्होंने पाया था कि ओटी में लगे हेपा फिल्टर्स खराब हो चुके हैं और इन्हें तुरंत बदला जाए. वहीं इस टीम ने यह भी पाया था कि ओटी की दीवारों पर जगह-जगह फंगस जमी हुई है. इसका भी ट्रीटमेंट कराया जाए. लेकिन तात्कालीन सीएस डॉ. कपिल कश्यप ने केंद्र की इस टीम के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया और आज स्थिति ये बन गई थी कि कुछ मरीजों के जीवन में अंधकार छा सकता था.
CMHO की तत्परता से बची आंखें
अस्पताल प्रबंधन द्वारा मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद जब मरीजों की आंखों में परेशानी होने लगी तो प्रबंधन इस मामले में पर्दा डालने की कोशिश करता रहा. लेकिन जैसे ही ये मामला सीएमएचओ डॉ. रामटेके के संज्ञान में आया. उन्होंने बिना देरी किए जिले के उच्चाधिकारियों समेत प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी दी. डॉ. रामटेके ने उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देश का पालन करते मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों में शिफ्ट कराया, जिसके चलते आज रोगियों की हालत में काफी सुधार देखा जा रहा है. मेकाहारा में मरीजों के साथ सर्जन डॉ गीता नेताम भी मौजूद हैं.
सभी का मेकाहारा में विशेषज्ञों की देखरेख में उपचार किया जा रहा है. पूरे मामले की जांच कराई जा रही. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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जांच टीम पहुंची दंतेवाड़ा
इस मामले की जांच के लिए राजधानी से 6 सदस्यीय टीम शनिवार की शाम दंतेवाड़ा पहुंची है. जांच टीम के सदस्यों ने रात में ही अस्पताल का निरीक्षण किया और इस लापरवाही के लिए सीएस डॉ गंगेश और सर्जन को जमकर फटकार भी लगाई है. रविवार को भी यह टीम मामले की जांच करेगी और रिपोर्ट शासन को सौंपेगी. बताया जा रहा कि इस मामले में ओटी इंचार्ज और सर्जन पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
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