क्रिप्टो करेंसी के नाम पर करोड़ों की ठगी ! पैसा लेकर नौ-दो ग्यारह हुई कंपनी

How to Spot Fraud : छत्तीसगढ़ के MCB जिले में QLOF कंपनी की तरफ से क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. आरोप है कि कंपनी ने लोगों से करोड़ों रुपए जमा कराए और कुछ महीने पहले विड्रॉल पर रोक लगाकर कार्यालय में ताला लगाकर भाग निकली. द

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Cypto Currency Fraud : छत्तीसगढ़ के MCB जिले में QLOF कंपनी की तरफ से क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. आरोप है कि कंपनी ने लोगों से करोड़ों रुपए जमा कराए और कुछ महीने पहले विड्रॉल पर रोक लगाकर कार्यालय में ताला लगाकर भाग निकली. दरअसल, QLOF कंपनी दिसंबर 2023 में क्षेत्र में सक्रिय हुई और क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग के लिए ऐप डाउनलोड कराए. शुरू में निवेश राशि 3000 रुपए रखी गई और कमीशन का लालच देकर लोगों को जोड़ा गया. अप्रैल 2024 में जुड़ने की राशि 6000 रुपए कर दी गई. जमा राशि पर ब्याज और 1300 रुपए अतिरिक्त देने का झांसा देकर निवेश कराया गया. जून 2024 में कंपनी ने सिस्टम हैक होने का बहाना बनाकर रुपए निकालने पर रोक लगा दी. केवाईसी कराने के नाम पर 6000 रुपए और जमा कराए गए. 1 जुलाई से कंपनी पूरी तरह से बंद हो गई.

कंपनी ने की करोड़ों की ठगी

लोगों ने चिरमिरी थाने में शिकायत दी है, लेकिन मामला अभी दर्ज नहीं हुआ है. पूर्व विधायक डॉ. विनय जायसवाल रविवार को अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचे और ज्ञापन देते हुए कंपनी पर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया है कि QLOF कंपनी ने लोगों से करीब 600 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि 10 दिनों में अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे थाने का घेराव करेंगे.

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पूर्व विधायक का बयान

पूर्व विधायक डॉ. जायसवाल का दावा है कि कंपनी ने सात से आठ माह में MCB, कोरिया और कोरबा जिले के 10 लाख लोगों से करोड़ों रुपए जमा कराए. इनमें युवा, गृहणी, बेरोजगार और मध्यम वर्ग के लोग शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी ने कई बेरोजगार युवक-युवतियों को कमीशन का लालच देकर एजेंट बनाया था. इतनी बड़ी ठगी पर भी जिला प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

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पुलिस ने दर्ज किया मामला

पुलिस के अनुसार, QLOF कंपनी के निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ थाने में आवेदन दिया है. कोरबा जिले में भी ऐसे हजारों निवेशक हैं. ट्रेडिंग ऐप के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी का ऐप एपीके से डाउनलोड कराया गया था. यह ऐप गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध नहीं है. जिले में इस घटना से लोगों में आक्रोश है और वे जल्द से जल्द न्याय की उम्मीद कर रहे हैं. पुलिस और प्रशासन से मांग की जा रही है कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए.

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