Corruption in co-operative committee of Gariaband: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद (Gariaband) में सहकारी समिति द्वारा लाखों रुपये के गोदाम निर्माण (Tender of Warehouse Construction) का टेंडर गुपचुप तरीके से चहेते ठेकेदार को देने की तैयारी की जा रही थी, तभी अचानक एनडीटीवी की टीम मौके पर पहुंची. जिसके बाद आनन-फानन में अफसर फाइलें समेटने लगे और अब दोबारा टेंडर जारी करने की बात कर रहे हैं. यह सारा खेल राजिम के कृषि साख सहकारी समिति (Agricultural Credit Cooperative Society of Rajim) में चल रहा था. समिति ने अपने मद में मौजूद राशि से 200 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम का निर्माण कराने की विभागीय मंजूरी ली थी.
गोदाम के निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाने का प्रावधान था. जिसके लिए समिति ने 13 मार्च को एक छोटे अखबार में टेंडर भरने का प्रकाशन कराया. इसमें हैरानी वाली बात यह हैं कि इस विज्ञापन में टेंडर भरने की अंतिम तारीख 13 मार्च ही थी. जिसके बाद आज 14 मार्च को टेंडर खोलने की तारीख निर्धारित की गई. लेकिन, टेंडर जारी होता इससे पहले ही मीडिया के दखल के बाद अब जिम्मेदार नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया आरंभ करने की बात कह रहे हैं.
नियमों को ताक पर रखकर टेंडर जारी करने की थी तैयारी
बता दें कि किसी भी टेंडर के भरे जाने के लिए सप्ताह भर पहले तक टेंडर प्रकाशन का नियम है. टेंडर ज्ञापन का प्रचार प्रसार किए जाने के लिए क्षेत्र में प्रचलित अखबार का होना भी जरूरी है, लेकिन समिति ने इन दोनों बातों का पालन नहीं किया और सीमित दायरे में वितरित होने वाले अखबार में निविदा 13 मार्च को प्रकाशित कराया गया. 13 मार्च को ही टेंडर भरे जाने की अंतिम तिथि थी. लिहाजा इसमें केवल तीन ठेकेदार शामिल हुए. क्योंकि टेंडर पास होने के लिए तीन की कोरम पूर्ति जरूरी माना गया है. बताया जा रहा जिस ठेकेदार को टेंडर दिया जाना तय था उसी से संबंधित अन्य दो ठेका कम्पनी का टेंडर भरा गया था. सभी टेंडरों में दर पहले से तय कर लिए गए थे.
मीडिया को देखते ही सभी जिम्मेदारों ने फाइल बंद कर लिया और टेंडर निरस्त कर नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया को शुरू करने की बात कह रहे हैं. मीडिया की उपस्थिति देख प्रभारी प्रबंधक अमृत साहू प्रक्रिया की फाइलें समेटने लगे, वहीं मौके पर मौजूद प्राधिकृत अधिकारी शिवनारायण तिवारी दफ्तर के दरवाजे से निकलने लगे. वहीं कुछ अधिकारियों ने कैमरे के सामने अपना मुंह छिपाने की कोशिश की. मामले में जब नियम को लेकर बात की गई तो प्राधिकृति अधिकारी शिवनारायण तिवारी ने कहा कि प्रक्रिया गलत है तो निरस्त कर दोबारा टेंडर आमंत्रित किया जाएगा.
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