Chit Fund Scams: चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर विक्रम 6 साल बाद गिरफ्तार, निवेशकों से ठगे थे 2.13 करोड़

Chhattisgarh Chit Fund Scams: बीएन गोल्ड रियल स्टेट एंड एलाईड लिमिटेड नामक चिटफंड कंपनी ने साल 2010 से लुभावनी स्कीमों के जरिए निवेशकों से पैसा इकट्ठा करना शुरू किया था और धीरे-धीरे 311 निवेशकों से कुल 2,13,10,930 रुपये जमा करा लिए थे.

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Chit Fund Company Director Arrested: चिटफंड कंपनियों से जुड़ी बड़ी धोखाधड़ी के एक मामले में पुलिस को अहम सफलता मिली है. छह साल से फरार चल रहे चिटफंड कंपनी बीएन गोल्ड रियल स्टेट एंड एलाईड लिमिटेड के डायरेक्टर विक्रम सिंह सोनालिया को बलौदा बाजार पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. आरोपी के खिलाफ साल 2018 में दर्ज हुए ठगी के एक बड़े मामले में कार्रवाई की गई है, जिसमें 311 निवेशकों से कुल 2.13 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई थी.

प्रकरण की शुरुआत 11 मार्च 2018 को ग्राम केसला निवासी उदय सिंह मरावी की शिकायत पर हुई थी. उन्होंने करहीबाजार पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बीएन गोल्ड रियल स्टेट एंड एलाईड लिमिटेड नामक चिटफंड कंपनी ने साल 2010 से लुभावनी स्कीमों के जरिए निवेशकों से पैसा इकट्ठा करना शुरू किया था. निवेशकों को बांड पेपर जारी किए गए थे. धीरे-धीरे कंपनी ने 311 निवेशकों से कुल 2,13,10,930 रुपये जमा करा लिए और फिर संचालक फरार हो गए.

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अब तक 8 आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार

मामले की गंभीरता को देखते हुए चौकी करहीबाजार में धारा 420, 34 भादवि, चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम्स (बैनिंग) एक्ट की धारा 3 और 4, एवं निवेशकों का संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत अपराध क्रमांक 154/2018 पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई थी. अब तक इस मामले में डायरेक्टरों सहित कुल 8 आरोपियों- सचिन डामोर, गुरविंदर सिंह संधु उर्फ जीएस संधु, विपिन सिंह यादव, विनय कुमार भारती, विकास भारती, अनिल कुमार शर्मा, बलजीत संधु और संदीप सोंध को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया जा चुका है.

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एसपी के निर्देश पर दबोचा गया फरार आरोपी

छह वर्षों से फरार चल रहे आरोपी विक्रम सिंह सोनालिया की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने विशेष निर्देश दिए थे. उन्हीं के मार्गदर्शन में चौकी करहीबाजार की टीम ने सघन जांच और ट्रेसिंग के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी की पहचान ग्राम मुगली, थाना आस्टा, जिला सिहोर (मध्यप्रदेश) निवासी के रूप में हुई है.

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पुलिस टीम की विशेष भूमिका

इस कार्रवाई में चौकी प्रभारी सहायक उप निरीक्षक राजेन्द्र पाटिल, प्रधान आरक्षक सत्यप्रकाश मरावी, आरक्षक यशवंत यादव, टिकेश्वर गायकवाड़ और खुमान सिंह साहू की अहम भूमिका रही. टीम की तत्परता से निवेशकों को न्याय की उम्मीद फिर से जगी है. प्रशासन अब अन्य पीड़ित निवेशकों से भी संपर्क कर रहा है, ताकि आगे की कानूनी कार्रवाई और रकम की वसूली प्रक्रिया पूरी की जा सके.

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