नक्सलियों के गढ़ रहे सुकमा में यहां खुली बैंक की शाखा,  12 गांवों के लगभग 14,000 लोग होंगे लाभान्वित

Bank Branch Open in Sukma: नक्सलियों के गढ़ रहे सुकमा जिले के ग्राम पंचायत में बैंक की शाखा का खुलना छत्तीसगढ़ के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक रहे इलाके में वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. बैंक के खुलने से आस-पास के 12 गांवों के लगभग 14,000 लोगों को लाभ मिलेगा.

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सांकेतिक तस्वीर

Banks in Naxal Effected Area: दशकों तक नक्सल प्रभावित रहा छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जगरगुंडा में स्थानीय लोगों को अब औपचारिक बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी और इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को डिजिटल माध्यम से एक बैंक की नई शाखा का उद्घाटन कर की, जिस इमारत में इंडियन ओवरसीज बैंक स्थित है, उसे पहले भी नक्सलियों ने निशाना बनाया था.

यह घटनाक्रम राज्य के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक रहे इलाके में वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. बैंक के खुलने से आस-पास के 12 गांवों के लगभग 14,000 लोगों को लाभ मिलेगा.

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 ग्राम पंचायतों में बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार

मुख्यमंत्री साय ने अपने आधिकारिक आवास से एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जगरगुंडा में बैंक शाखा का खुलना लोकतंत्र और नक्सल पर विकास की जीत है. डबल इंजन वाली सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि परिवर्तन की लहर हर गांव तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के मुताबिक राज्य सभी ग्राम पंचायतों में बैंकिंग सुविधाओं का तेजी से विस्तार कर रहा है.

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पहले हो चुके हैं हमले

राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी इस मौके पर भावुक हो गए. अधिकारी के तौर पर दंतेवाड़ा में 2001 में अपने कार्यकाल को याद करते हुए उन्होंने कहा कि कैसे यह क्षेत्र एक समय इतना अधिक नक्सल प्रभावित था कि अधिकारी अंदरूनी इलाकों में जाने से कतराते थे. न्होंने कहा कि समय इसी इमारत में एक ग्रामीण बैंक की शाखा हुआ करती थी,जिसे नक्सलियों ने लूटने के प्रयास में निशाना बनाया था. आज उसी इमारत को औपचारिक बैंक शाखा के रूप में फिर से खोल दिया गया है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वामपंथी उग्रवाद का खतरा जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद के अलावा भारत की सबसे बड़ी आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में से एक है, जो अगले मार्च तक समाप्त हो जाएगा. केंद्र सरकार की ओर से  शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, ‘वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों' की संख्या अप्रैल 2018 में 126 से घटकर 90, जुलाई 2021 में 70 और अप्रैल 2024 में 38 हो गई.

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सर्वाधिक प्रभावित जिलों की संख्या 12 से घटकर छह हो गई है, जिनमें छत्तीसगढ़ में चार (बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर और सुकमा), झारखंड में एक (पश्चिमी सिंहभूम) और महाराष्ट्र में एक (गढ़चिरौली) शामिल हैं.

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