Chhattisgarh: गंगरेल बांध में बचा है मात्र 87 दिन के लिए पानी,  रायपुर समेत 18 लाख की आबादी पर गहराया जल संकट

Gangrel Dam Dhamtari CG: प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े बांध गंगरेल डैम पहली बार सूखे की मार झेल रहा है. सन 1978 में बांध निर्माण के बाद 46 साल में ऐसा पहला मौका है, जब गंगरेल बांध में केवल 87 दिन का पेयजल ही बचा है.

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Gangrel Dam History in Hindi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धमतरी (Dhamtari) जिले का गंगरेल बांध (Gangrel Dam) जिसे रवि शंकर जलाशय के नाम से जाना जाता है. यहां दूर दराज से सैलानी बांध को देखने के लिए आते हैं, लेकिन यह गंगरेल बांध भीषण गर्मी की वजह से पूरी तरह से सूख गया है. इस महानदी में केवल 87 दिन का ही पानी बचा हुआ है. गंगरेल बांध से धमतरी जिले के अलावा रायपुर (Raipur), बिरगांव (Birgaon) व अन्य क्षेत्रों में भी महानदी से पानी की सप्लाई की जाती है.

15 से 18 लाख की आबादी को भीषण गर्मी में प्यास बुझाने का काम महानदी करती है, लेकिन, 40 साल में पहली बार गंगरेल बांध की हालत इस तरह हो गई है कि वह पूरा सूख चुका है. मानसून ने यदि सही समय पर छत्तीसगढ़ में दस्तक नहीं दी, तो इस साल बांध से दिए जा रहे पेयजल में कटौती हो सकती है.

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46 साल में पहली बार इतना सूखा डैम

प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े बांध गंगरेल डैम पहली बार सूखे की मार झेल रहा है. सन 1978 में बांध निर्माण के बाद 46 साल में ऐसा पहला मौका है, जब गंगरेल बांध में केवल 87 दिन का पेयजल ही बचा है. यानी बांध में मात्रा 2.824 टीएमसी पानी ही बचा है. मानसून ने अगर सही समय पर दस्तक दे दिया, तो बांध में जल का स्तर बढ़ जाएगा और अन्य क्षेत्रों में भी पानी की सप्लाई पुनः शुरू की जाएगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो यहां के लोगों को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है.

पेयजल के लिए सिर्फ 200 क्यूसेक पानी ही हो रही है सप्लाई

 गंगरेल बांध में 14 गेट हैं, लेकिन इन गेटों से पानी की जगह केवल हवा ही निकल रहा है. वहीं, पानी से भरे होने पर सबसे ज्यादा भीड़ वाला क्षेत्र गंगरेल बांध इस वक्त पूरी तरह से सुनसान हो गया है. वहीं, धमतरी के जल संसाधन विभाग के ईई आशुतोष सारस्वत ने बताया कि 15 साल पहले इस तरह से गंगरेल बांध सूख गया था. इसके बाद अब 2024 में फिर से गंगरेल बांध का पानी सूख गया है. केवल 200 क्यूसेक पानी ही पेयजल के लिए धमतरी नगर निगम, रायपुर नगर निगम, बिरगांव के लिए सप्लाई की जा रही है. इससे पहले भिलाई स्टील प्लांट को भी यहीं से पानी दिया जा रहा था, लेकिन सीमित जल की उपलब्धता होने के कारण भिलाई स्टील प्लांट को तांदुला जलाशय कांप्लेक्स के माध्यम से पानी दिया जा रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पेयजल के लिए बांध में पानी पर्याप्त है. इससे कोई समस्या नहीं होगी. गंगरेल बांध में पानी के रहने की वजह से कई मरम्मत कार्य नहीं हो पा रहे थे, लेकिन इस साल पानी की कमी की वजह से कई सालों से लंबित पड़े मरम्मत कार्य विभाग की ओर से किए जा रहे हैं.

दूसरे कामों के लिए रोकी गई पानी की सप्लाई

वहीं, धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि गंगरेल बांध में पानी की कमी की वजह से केवल पेयजल के लिए ही पानी दिया जा रहा है. अन्य कार्यों के लिए पानी बंद कर दिया गया है. जहां ज्यादा जरूरी है, उस कार्य के लिए ही पानी गंगरेल बांध से दिया जा रहा है.

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