सक्ती: महाभारत में भी मिलता है छत्तीसगढ़ के इस नवगठित जिले का उल्लेख

कभी प्रदेश की 14 रियासतों में से एक सक्ती क्षेत्र में एक अलग तरह की ही शक्ति है क्योंकि यह क्षेत्र कृषि, प्राकृतिक संसाधन, खनिज संपदा समेत धार्मिक स्थलों से भी समृद्ध है.

विज्ञापन
Read Time: 8 mins

सक्ती छत्तीसगढ़ का नवगठित जिला है. इसे हाल ही में जांजगीर-चांपा से अलग कर नया जिला घोषित किया गया था. कभी प्रदेश की 14 रियासतों में से एक सक्ती क्षेत्र में एक अलग तरह की ही शक्ति है क्योंकि यह क्षेत्र कृषि, प्राकृतिक संसाधन, खनिज संपदा समेत धार्मिक स्थलों से भी समृद्ध है.

 यहां की भूमि उर्वरा शक्ति से भरपूर है इसलिए इसे सक्ती के नाम से जाना जाता है. इस क्षेत्र का इतिहास इतना पुराना है कि इसका उल्लेख महाभारत काल में भी मिलता है. सक्ती जिले में डोलोमाइट का प्रचुर भंडार है, जिसकी वजह से इसे भारत का 'डोलोमाइट हब' भी कहा जाता है.

सक्ती क्षेत्र का इतिहास

अंग्रेजी शासन काल में 'सक्ती', सक्ती राज्य की राजधानी हुआ करता था. यह प्रदेश के 14 रियासतों में से एक थी, जिसकी स्थापना हरी और गुर्जर नामक दो गोंड राजाओं द्वारा की गई थी. मान्यताएं तो यह भी हैं कि यह क्षेत्र संबलपुर शाही परिवार के अधीन हुआ करता था. लेकिन दशहरे के दिन गोंड राजाओं ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए लकड़ी की तलवार से ही भैंसों को मार गिराया था. जिससे प्रसन्न होकर संबलपुर के राजा ने सक्ती को एक स्वतंत्र रियासत का दर्जा दिया था. जो मध्य भारत में सबसे छोटा रियासत हुआ करता था.

सक्ती जिले के गूंजी नामक गांव में पहली शताब्दी के पाली भाषा में लिखे गए शिलालेख पाए जाते हैं. जिसका उल्लेख महाभारत में ऋषभ तीर्थ के रूप में मिलता है.

इन क्षेत्रों में हैं विकास की अपार संभावनाएं

सक्ती जल्द ही प्रदेश में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र बन सकता है. इस नवगठित जिले में कई कृषि और खनिज आधारित उद्योगों की काफी संभावनाएं हैं. यहां दो बिजली भी संयंत्र हैं. इसके अलावा सक्ती में चावल मिल, कृषि उपकरण उद्योग और कोसा कपड़े की बुनाई का काम भी किया जाता है. जिले में  लोगों को कई तरह की सरकारी सुविधाएं भी मिलने की उम्मीद हैं.

Advertisement

पर्यटन के लिए प्रसिद्ध

सक्ती अपने प्राकृतिक एवं धार्मिक स्थलों की वजह से पर्यटन क्षेत्र के रूप में भी प्रसिद्ध है. यहां दमाऊधारा में प्राकृतिक जलप्रपात, गुफाएं और कई हिंदू देवी-देवताओं के प्राचीन मंदिर हैं. जबकि अड़भार में अष्टभुजा माता का मंदिर पांचवीं शताब्दी का माना जाता है. इसके अलावा चंद्रहासिनी माता मंदिर, पंचवटी, सीतामणी और रेलखोल जैसे पर्यटन स्थल भी पर्यटकों को सक्ती जिले में खींच लाते हैं.

सक्ती एक नजर में

  • भौगोलिक स्थिति - 22.03° उत्तर 82.97°पूर्व
  • क्षेत्रफल - 1,51,976 वर्ग किलोमीटर
  • संभाग - सक्ती
  • तहसील - 7 (सक्ती, नया बाराद्वार, डभरा, जयजयपुर, अडभार, मालखरौदा, हसौद)
  • विधानसभा क्षेत्र - 3 (चंद्रपुर, जैजैपुर और सक्ती)