Chhattisharh Municipal Election: छत्तीसगढ़ में महापौर और पालिकाओं के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर किए गए बदलाव की वजह से राजनीति गरमाई हुई है. दरअसल, विष्णु देव साय सरकार (Vishnudev Sai) ने भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Baghel Government) की ओर से लागू की गई अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को पलटते हुए महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया है. इस बदलाव ने राज्य में नई राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है. आपको बता दें कि विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने सोमवार को हुए कैबिनेट बैठक में यह फैसला किया है कि अब नगर निगमों में महापौर और नगर पालिकाओं में अध्यक्षों का चुनाव सीधे जनता के जरिए किया जाएगा.
प्रत्यक्ष प्रणाली की वापसी ने छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज कर दिया है. कांग्रेस इसे जनता के अधिकारों पर भाजपा की दोहरी नीति बता रही है, तो भाजपा इसे लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में उठाया गया कदम कह रही है.
नए नियम के बचाव में उतरे मुख्यमंत्री
नए नियम का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जब हम 15 साल तक सत्ता में थे, तब प्रत्यक्ष प्रणाली से ही चुनाव होते थे. पिछली सरकार ने इसे बदल दिया था, जिसे अब हमारी सरकार ने दुबारा लागू किया है. जनता को अपने नेता चुनने का सीधा अधिकार मिलना चाहिए. गौरतलब है कि यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब छत्तीसगढ़ में 11 नगर निगमों में चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है. साल 2020 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के महापौर अप्रत्यक्ष प्रणाली के तहत चुने गए थे. अब प्रत्यक्ष प्रणाली की वापसी से राजनीतिक समीकरण बदलने की उम्मीद है.
कांग्रेस बोली भाजपा को संविधान पर भरोसा नहीं
भाजपा सरकार के इस कदम पर विपक्षी दल कांग्रेस ने तीखा प्रहार किया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से हो सकता है, तो महापौर और अध्यक्ष का क्यों नहीं? भाजपा को संवैधानिक व्यवस्था पर भरोसा नहीं है. लेकिन चुनाव चाहे किसी भी प्रणाली से हो, कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है.
भाजपा बोली, जनता को दिया सीधा अधिकार
भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए अपने कदम को जनता का अधिकार बहाल करने वाला बताया. पार्टी प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल ने कहा है कि भूपेश बघेल सरकार ने जनता का अधिकार छीना था, क्योंकि उन्हें पता था कि लोग उन पर भरोसा नहीं करते. हमारी सरकार ने इस अधिकार को वापस देकर जनता को मजबूत किया है.
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जनता के फैसले पर टिकी निगाहें
छत्तीसगढ़ में नगर निगम चुनाव के नतीजे यह तय करेंगे कि जनता भाजपा के तर्कों को स्वीकार करती है, या कांग्रेस के आरोपों को. आगामी चुनाव केवल महापौर और अध्यक्षों के चयन तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की राजनीतिक दिशा को भी तय करेंगे.