Chhattisgarh Latest News: कैसे खेलेगा इंडिया जब 5 साल में खिलाड़ी तैयार करना हो और डेढ़ साल में सिर्फ ग्राउंड ही तैयार हो रहा है. यह हालत छत्तीसगढ़ के 'खेलो इंडिया लघु' (Khelo India Laghu Yojna) के तहत मिले वॉलीबाल (Volleyball) सेंटर की है. यह सेंटर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh ) के गरियाबंद ज़िले (Gariaband District) में हैं. करीब डेढ़ साल पहले गरियाबंद को सेंटर मिला था. इस योजना के तहत जिला मुख्यालय में वॉलीबाल सेंटर को शुरू किया जाना था. 14 लाख रुपए की लागत से वीर सुरेंद्र साय कॉलेज (Veer Surendra Sai College) के परिसर में बना सेंटर आज भी शुरू नहीं हो पाया हैं जबकि इसके लिए कोच भी अपॉइट हो चुके है.
ऐसे हालत में आखिर कैसे खेलेगा इंडिया... ?
सेंटर को बनाए जाने की तय सीमा कब का पार हो चुकी है. विभागीय रस्सा-कस्सी के चलते खिलाड़ियों को इस योजना का लाभ भी तक नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय बच्चे आज भी गांधी मैदान स्थित मुफ्त वॉलीबाल क्लब में ट्रेनिंग लेने को मजबूर है. स्थानीय लोग अब सवाल उठा रहे है कि आखिर ऐसे हालत में कैसे खेलेगा इंडिया?
यह भी पढ़ें : खजूर के पेड़ से प्रकट हुई थी माता, नबाबों के समय ऐसे हुई थी इस मंदिर की स्थापना
इस बारे में जब अधिकारियों से बातचीत की गई तो विभाग में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. खेल विभाग ने नगर पालिका के ऊपर और नगर पालिका ने खेल विभाग के ऊपर ठीकरा फोड़ दिया. वहीं, मामले में वॉलीबाल के पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी हरमेश चावड़ा ने खिलाड़ियों की समस्या का समाधान करने की बात कही है.
ग्राउंड के इस्तेमाल से बच्चों को मिलेगी बेहतर ट्रेनिंग
गांधी मैदान में बीते कई सालों से सूरज महाडीक वॉलीबाल की मुफ्त ट्रेनिंग दे रहे हैं. मामले पर उन्होंने कहा कि हम सभी बच्चों को बेहतर ट्रेनिंग देने की कोशिश कर रहे हैं. इस साल स्टेट लेवल पर 20 बच्चों का सलेक्शन हुआ है. 'खेलो इंडिया लघु योजना' के तहत मिले ग्राउंड का इस्तेमाल जल्द शुरू हो जाए तो बच्चों को नेशनल लेवल की बेहतर ट्रेनिंग मिलनी शुरू हो जाएगी.
यह भी पढ़ें : MP Election 2023 : कमलनाथ का एक और वचन, कांग्रेस ने दोहराया विधान परिषद के गठन का वादा