Anti Naxal Operation in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बीजापुर (Bijapur) जिले में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर चल रहे मुठभेड़ में अब तक 12 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है. बताया जा रहा है कि यहां 50 से ज्यादा नक्सलियों को सुरक्षा बल जवानों ने घेर लिया है. जानकारी के अनुसार, बीजापुर और तेलंगाना (Telangana) की सीमा पर तीन जिलों के जवान नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चला रहे हैं.
इससे पहले 6 जनवरी 2025 को भी बीजापुर जिले के कुटरु थाने के अंबेली गांव में नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर सुरक्षाबलों पर बड़ा हमला किया था. धमाका इतना जबरदस्त था कि पिकअप वाहन के हिस्से 30 फीट दूर पेड़ों पर जा गिरे थे.तब बस्तर रेंज के IG पी. सुंदरराज ने बताया था कि यह हमला तब हुआ, जब सुरक्षा बलों की संयुक्त ऑपरेशन पार्टी अबूझमाड़ के जंगल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान पूरा कर लौट रही थी. इस हमले में दंतेवाड़ा DRG के 8 जवान शहीद हो गए थे, जबकि वाहन का ड्राइवर भी जान गंवा बैठे थे. इस तरह कुल 9 लोगों की मौत हुई थी.
नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य सवालों के घेरे में
दरअसल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है. हालांकि, ऐसे बड़े हमलों से इस लक्ष्य की सफलता पर संदेह उत्पन्न होता है. गौरतलब है कि साल 2009 से अब तक बस्तर इलाके में 300 से ज्यादा सुरक्षाबल और आम नागरिक नक्सली हिंसा में मारे जा चुके हैं.
गरियाबंद में 3 नक्सली मारे गए, अबूझमाड़ में बड़ी मुठभेड़
कुटरु हमले से तीन दिन पहले गरियाबंद के सोरनामाल जंगल में सुरक्षा बलों ने 3 नक्सलियों को मार गिराया था. यह ऑपरेशन DRG और STF की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया, जिसमें छत्तीसगढ़ और ओडिशा के करीब 300 जवान शामिल थे. इसके तुरंत बाद, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा पर अबूझमाड़ क्षेत्र में मुठभेड़ में 5 नक्सलियों को मार गिराया गया, जिनमें 2 महिला नक्सली भी शामिल थीं.
गरियाबंद के एसपी निखिल राखेचा ने की थी पुष्टि
इस "ऑपरेशन में 3 नक्सलियों के शव बरामद हुए थे. सुरक्षाबलों ने इस दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किया था. अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान के दौरान AK-47, SLR जैसे कई ऑटोमेटिक हथियार बरामद किए. यह सफलता नक्सल विरोधी अभियानों में सुरक्षाबलों की बढ़ती सक्रियता को दर्शाती है.
अंतहीन संघर्ष: समाधान की राह कठिन
नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान लगातार तेज हो रहा है, लेकिन ऐसे हमले साबित करते हैं कि यह संघर्ष अभी लंबा चलने वाला है. अब देखने की बात यह होगी कि सरकार और सुरक्षाबल इस समस्या से निपटने के लिए कितनी सख्ती और रणनीति के साथ आगे बढ़ते हैं.
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