मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर: इस जिले में बसता है 'छत्तीसगढ़ का स्वर्ग', आदिवासियों का है गढ़

इसके साथ ही कई धार्मिक पर्यटन के केंद्र भी यहां है जो पूरे सूबे में अपनी पहचान रखते हैं. जिले में आदिवासियों की जनसंख्या करीब 50 प्रतिशत है. गोंड़, उरांव, कोल, अगरिया, धनुहार, कंवर, पण्डो, कोरवा, बैगा और कोड़ाकू जनजातियां निवास करती हैं.

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मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला छत्तीसगढ़ के नवीनतम जिलों में से एक है. 9 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरिया जिले से अलग हुए इस नए जिले का उद्घाटन किया. मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में कोयले का भंडार है, जो जिले की अर्थव्यवस्था का आधार भी है. प्राकृतिक रूप से भी ये जिला बेहद समृद्ध है. ‘छत्तीसगढ़ का जन्नत' कहा जाने वाला चिरमिरी हिल स्टेशन भी इसी जिले में स्थित है. इसके साथ ही कई धार्मिक पर्यटन के केंद्र भी यहां है जो पूरे सूबे में अपनी पहचान रखते हैं. जिले में आदिवासियों की जनसंख्या करीब 50 प्रतिशत है. यहां प्रमुख रूप से गोंड़, उरांव, कोल, अगरिया, धनुहार, कंवर, पण्डो, कोरवा, बैगा और कोड़ाकू जनजातियां निवास करती हैं.

‘छत्तीसगढ़ का स्वर्ग' कहलाता है चिरमिरी

चिरमिरी, छत्तीसगढ़ का एक खूबसूरत सा हिल स्टेशन है, जो समुद्र तल से 579 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. हरे-भरे पेड़, नदियों और पहाड़ों से सजे इस हिल स्टेशन की खूबसूरती पर्यटकों का दिल जीत लेती है. यह हसदेव नदी के किनारे बसा है, यह नदी महानदी की सबसे प्रमुख सहायक नदियों में से एक है. पूरे साल यहां मौसम सुहावना रहता है. इस क्षेत्र में घने जंगल भी हैं जिनमें विदेशी वनस्पतियां और जानवर पाए जाते हैं. यहां एक बेहद प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर भी है, जो पुरी के जगन्नाथ मंदिर की डिजाइन पर बना है.

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दूध सा दिखता है अमृतधारा का पानी

महानदी की सहायक नदी हसदेव से अमृतधारा जलप्रपात का उद्गम हुआ है. यह छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े वॉटरफॉल्स में से एक है. यहां पानी 90 फीट की ऊंचाई से गिरता है और दूध की तरह सफेद नजर आता है. आस-पास की हरियाली इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. यहां एक मशहूर शिव मंदिर भी है, जहां हर साल शिवरात्रि पर मेला लगता है. मेले की शुरुआत साल 1936 में रामानुज प्रताप सिंहदेव ने किया था, जो कोरिया राज्य के राजा थे.

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चिरमिरी में कोयले का भंडार

चिरमिरी क्षेत्र में कोयले का विशाल भंडार है. कोयला खदानों की निकटता के कारण इस क्षेत्र में कोयला औद्योगिक क्षेत्र विकसित हुआ है. सबसे प्रतिष्ठित सरकारी उपक्रम और भारत में सबसे बड़ा कोयला उत्पादक उद्योग, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की इकाई यहां स्थित है. चिरमिरी कोयला उद्योग के 13 प्रशासनिक क्षेत्रों में से एक है.

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जिला एक नज़र में

  • क्षेत्रफल: 4226.83 वर्ग किमी.
  • जनसंख्या : 381287
  • साक्षर दर : 70.04%
  • विकासखंड : 3
  • विधानसभा क्षेत्र-
  • तहसील / उप-तहसील : 6 / 2
  • ग्राम : 376
  • शहरीय निकाय : 5