छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में मंगलवार को आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कोर्ट में 6वीं चार्जशीट दाखिल की. ये चार्जशीट विदेशी शराब के अवैध सिंडिकेट से जुड़ी है. EOW ने जेल में बंद ओम साईं बेवरेज कंपनी के विजय कुमार भाटिया, नेक्सजेन पावर के संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह के खिलाफ पेश की गई.
इस चार्जशीट में अवैध सिंडिकेट की अवैध कमाई का खुलासा किया गया है. इसमें इस बात का खुलासा किया गया कि विदेशी शराब कंपनी के अवैध सिंडिकेट की बातों को मानने से इनकार के बाद कैसे आबकारी नीति बदल दी गई. इसमें आरोप लगाया गया है कि आईएएस अनिल टुटेजा, तत्कालीन MD आबकारी अरुण पत्र त्रिपाठी आईएएस निरंजन दास व्यापारी अनवर ढेबर विकास अग्रवाल और अरविंद सिंह के सिंडिकेट ने 20-21 में शराब नीति को बदलवा दिया.
चार्जशीट में ये लगाया गया आरोप
चार्जशीट में बताया गया है कि नई नीति में FL 10 लाइसेंस जिन तीन कंपनियों को दिया गया. ये कंपनी विदेशी शराब की खरीद कर सरकारी दुकान में देती थी, जिसके 10 प्रतिशत लाभ का बंटवारा दो हिस्सों में होता था. तीन साल तक इसी सिस्टम से तीन कंपनी विदेशी शराब खरीद कर मार्केटिंग कॉर्पोरेशन को बेच रही थी.
कमाई का ऐसे किया गया बंदरबांट
तीन कंपनियों में ओम साईं बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा की थी, जिसमें राजनीतिक प्रेरित व्यक्ति विजय कुमार भाटिया को हिडन लाभार्थी बनाया गया. कंपनी के लाभ का 60% हिस्सा सिंडिकेट को देने के बाद 40% हिस्से में 52% विजय भाटिया को जाता था. विजय भाटिया ने अपने लोगों को कंपनी में डमी डायरेक्टर बनाया और कंपनी से वेतन के रूप में 16 से अधिक खातों में लाभ का हिस्सा प्राप्त किया. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि लगभग 14 करोड़ रुपये विजय भाटिया को प्राप्त हुए थे.
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नेक्स जैन पावर इजीटेक प्राइवेट लिमिटेड के मालिक संजय मिश्रा जो चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर शासकीय शराब दुकानों में ऑडिट के कार्य से जुड़े थे और सिंडिकेट के अनवर और अन्य लोगों को इस आबकारी घोटाले में अवैध तरीके से धन को बैंकिंग चैनल के माध्यम से वैध दिखाने और उसके इन्वेस्टमेंट में तकनीकी सलाहकार के रूप में मदद करता था. इस कंपनी में संजय मिश्रा ने अपने छोटे भाई मनीष मिश्रा और सिंडिकेट के दूसरे सदस्य अरविंद सिंह के भतीजे अभिषेक सिंह को डायरेक्टर बनाया था. इस कंपनी ने 3 साल की अवधि में प्राप्त लाभ में सिंडिकेट को हिस्सा देने के बाद लगभग 11 करोड़ रुपये हासिल किया. तीसरी कंपनी दिशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर आशीष सौरभ केडिया है. इस कंपनी से शराब खरीदी में 248 करोड़ रुपये का नुकसान राज्य शासन को हुआ था.
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