Stray Animals: छत्तीसगढ़ में आवारा पशुओं की भरमार, जून 2024 तक अकेले बलौदाबाजार में सड़क हादसे में 155 गवां चुके हैं जान

Stray Animals In CG Road: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जून 2024 तक छत्तीसगढ़ के अकेले बलौदाबाजार-भाटापारा में 317 लोग सड़क दुर्घटनाओं में 155 लोग अपनी जान गंवा चुके है, जबकि 224 लोग घायल हुए हैं. सड़कों पर इधर-उधर घूम रहे पशुओें को पशु पालकों द्वारा छोड़ दिया जाता है, जिससे सड़क पर चलना जान का जोखिम बन गया है.

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CG Road Accident: छत्तीसगढ़ में आवारा पशुओं की बढ़ती तादाद ने सड़क दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन अभी तक सड़कों पर आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए कोई माकूल पहल नहीं हो सकी है, जिससे जून 2024 तक छत्तीसगढ़ के अकेले बलौदाबाजार-भाटापारा में आवारा पशुओं को बचाने में हुई सड़क दुर्घटना में 155 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार आवारा पशुओं से निपटने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठा पाई है. 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जून 2024 तक छत्तीसगढ़ के अकेले बलौदाबाजार-भाटापारा में 317 लोग सड़क दुर्घटनाओं में 155 लोग अपनी जान गंवा चुके है, जबकि 224 लोग घायल हुए हैं. सड़कों पर इधर-उधर घूम रहे पशुओें को पशु पालकों द्वारा छोड़ दिया जाता है, जिससे सड़क पर चलना जान का जोखिम बन गया है.

छत्तीसगढ़ में अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में मवेशियों की बड़ी भूमिका

छत्तीसगढ़ में होने वाली अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में मवेशियों की बड़ी भूमिका है. सड़कों पर मवेशियों के तांडव को रोकने के लिए समाजसेवियों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले में कदम उठाने की मांग की गई. कोर्ट ने सरकार समेत नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायतों से मामले में कई बार जवाब मांगा, लेकिन अब तक नतीजा शिफर है.  

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा, पशु पालक अपने घरों में रखे पालतु पशु

छत्तीसगढ़ सरकार में राजस्व मंत्री ने आवारा पशुओं के पुनर्वास पर पूछे गए सवाल पर कहा कि पशु पालकों को पालतू पशुओ को सड़क पर आवारा छोड़ने के बजाय अपने घरों में रखना चाहिए. उन्होंने पशु पालकों से अपील करते हुए कहा कि पशु पालकों को सरकार निर्भर नहीं रहना चाहिए, उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.

 भ्रष्टाचार की भेंट चढी गोदान योजना, सड़कों पर फिर वापस लौट आए मवेशी

बताया जाता है कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल सरकार द्वारा आवारा पशुओं के समाधान के लिए शुरू की गई गोठान योजना ग्राम पंचायत स्तर में हुए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई, जिससे सड़कों पर मवेशी वापस लौट आए. अब हालात यह हैं कि किसानों को मवेशियों से खेत की निगरानी के लिए चौकीदार रखना पड़ रहा है.

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