भूपेश बघेल सरकार का बड़ा चुनावी दांव, बढ़ा दिए सरकारी कर्मियों के वेतन-भत्ते

विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन-भत्ते में बढ़ी बढ़ोतरी की है. सबसे ज्यादा लाभ संविदा कर्मचारियों को हुआ है जिनके वेतन में 27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पूरी कवायद में राज्य सरकार के खजाने पर सैकड़ों करोड़ का बोझ बढ़ेगा.

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छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और वेतन में बढ़ोतरी सहित कई घोषणाएं की. विधानसभा में आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए शासकीय कर्मियों के हित में बड़ी घोषणाएं की.

मुख्यमंत्री ने शासकीय कर्मियों के लिए चार प्रतिशत डीए वृद्धि के साथ ही सातवें वेतनमान के मुताबिक आवास भाड़ा भत्ता देने की घोषणा की. उन्होंने शासकीय कर्मियों के साथ ही संविदा कर्मी, दैनिक वेतन भोगी सहित सभी वर्गों के कर्मियों के लिए वेतन वृद्धि की घोषणाएं की. 

मुख्यमंत्री ने लगभग पांच लाख शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है. इस प्रकार मूल वेतन पर अब तक कुल 42 प्रतिशत बढ़ोतरी हो चुकी है. चार प्रतिशत बढ़ोतरी होने से राज्य सरकार को आठ सौ करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय करने होंगे.

बघेल ने इसके साथ ही राज्य के 37 हजार संविदा कर्मियों के एकमुश्त संविदा वेतन में 27 प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा की है.

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इससे राजकोष पर 350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान दैनिक वेतन भोगियों के वेतन में चार हजार रुपये की मासिक वृद्धि की घोषणा की. इससे 240 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को करना पड़ेगा

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राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत इस अनुपूरक बजट में 1650 अतिथि शिक्षकों के मानदेय में दो हजार रुपये मासिक की बढ़ोतरी की गई है. वहीं छह हजार पटवारियों को पांच सौ रुपये मासिक संसाधन भत्ता मिलेगा. अनुपूरक बजट के अनुसार राज्य के सभी शासकीय सेवकों को छठवें वेतनमान के स्थान पर सातवें वेतनमान पर बी श्रेणी शहर के लिए नौ प्रतिशत और सी तथा अन्य शहरों के लिए छह प्रतिशत आवास भाड़ा भत्ता दिया जाएगा. इससे 265 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को करना पड़ेगा.

राज्य के सभी पुलिस आरक्षकों को आठ हजार रुपये किट वार्षिक भत्ता दिया जाएगा. इसके साथ ही मितानिन ट्रेनर, ब्लॉक कोआर्डिनेटर और हेल्प डेस्क आपरेटर को प्रतिदिन दैनिक प्रोत्साहन भत्ता 100 रुपये दिया जाएगा, जिसपर 11 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा.

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि शासकीय सेवकों के लिए की गई इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए राजकोष को कुल 1764 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय करना पड़ेगा. विधानसभा में हुई चर्चा के बाद सदन ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 6031 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित कर दिया.

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