सरकार भरेगी फीस, छात्रों को हर महीने मिलेगा पैसा, मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना का हुआ ऐलान

Chief Minister Good Governance Fellow Scheme: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर के सहयोग से 'गवर्नेंस फेलो योजना' शुरू की जाएगी. 

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Chief Minister Good Governance Fellow Scheme: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर के सहयोग से 'गवर्नेंस फेलो योजना' शुरू की जाएगी. 
'मुख्यमंत्री सुशासन फेलो योजना' के तहत छत्तीसगढ़ के मूल छात्रों के लिए लोक नीति और शासन में मास्टर कोर्स शुरू किया जाएगा, जिसमें कैट के माध्यम से चयन किया जाएगा. उन्होंने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की मौजूदगी में नवा रायपुर अटल नगर में 'सुशासन' पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में बोलते हुए यह घोषणा की. 

छात्रों को मिलेंगी ये सुविधाएं

सीएम ने कहा, "योजना के माध्यम से छात्रों को आईआईएम रायपुर में कक्षाओं के साथ-साथ राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में व्यावहारिक अनुभव भी दिया जाएगा, जो पूरे कोर्स की फीस वहन करेगा और निश्चित मासिक वजीफा भी प्रदान करेगा. इस योजना से शासन में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी और युवाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा और व्यावहारिक अनुभव का अवसर मिलेगा." 

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क्या है योजना का उद्देश्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में पेशेवरों की एक पीढ़ी तैयार करना है, जो सरकार, गैर सरकारी संगठनों, थिंक टैंक और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर शासन को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे. "सुशासन का विचार हमारी राजनीतिक विचारधारा के मूल में है. हमारे पुराणों में जिसे रामराज्य कहा गया है, उसे ही हम सुशासन कहते हैं. 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' हमारा आदर्श वाक्य है. अंत्योदय और एकात्म मानववाद हमारा राजनीतिक दर्शन है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हमारे प्रेरणास्रोत हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम विकसित भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ की अधिकतम भागीदारी के लिए प्रयासरत हैं." 

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उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत हिस्सा घने जंगलों से घिरा है और इसलिए भारत के पर्यावरण और जैव विविधता की रक्षा की जिम्मेदारी राज्य की है. साय ने कहा, "राज्य की जनजातीय संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करना भी हमारा प्राथमिक कर्तव्य है. समृद्ध खनिज संपदा, औद्योगिक और कृषि विस्तार के साथ-साथ हमने राज्य के प्राकृतिक और सांस्कृतिक सौंदर्य को भी महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में पहचाना है. हम सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुशासन को एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में देख रहे हैं." उन्होंने कहा कि हम राज्य में एक मेगा पर्यटन सर्किट बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं.

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‘सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई'

साय ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके शासन और प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही है, जबकि सभी विभागों में प्रक्रियाओं को सरल बनाकर सेवाओं के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं. उन्होंने कहा, "यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नागरिकों का काम समय सीमा के भीतर हो और उन्हें शासन तक आसान पहुंच मिले, शिकायतों का त्वरित समाधान हो, विकास में जनता की भागीदारी बढ़े, लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाएं मजबूत हों." इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुशासन के मूल मंत्र हैं. सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने शासन और कारोबार को आसान बनाने के लिए पिछले 10 वर्षों में 2,000 से अधिक नियमों और कानूनों को खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए सुशासन के लिए जो बेहतरीन तरीके अपनाए थे, उन्हें अब केंद्र में भी अपनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से ही नई दिल्ली में विज्ञान भवन के बाहर इस तरह के सम्मेलन आयोजित करने का विचार आया." उन्होंने कहा, "प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने एक नया काम शुरू किया है. विजन डॉक्यूमेंट-2047 तैयार किया जा रहा है. इसमें इस बात का ब्योरा होगा कि 2047 में भारत कैसा होगा और हमारी भूमिका क्या होगी."

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