Chhattisgarh Naxalites News: एक तरफ केंद्र सरकार 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद मुक्त करने की कोशिशों में जुटी है, वहीं दूसरी ओर नक्सली बड़ी साजिश रचने से पीछे नहीं हट रहे. ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के रक्शापथरा जंगल में उजागर हुआ है. यहां गरियाबंद पुलिस ने माओवादी साजिश का पर्दाफाश किया है. ऑपरेशन ई-30 और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने विस्फोटक, कुकर बम और मेडिकल किट बरामद कर बड़ा हमला टाल दिया.
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में जंगल के नीचे छिपा एक बारूद का जखीरा मिला है. थाना शोभा के अंतर्गत आने वाले रक्शापथरा जंगल क्षेत्र में पुलिस ने भारी मात्रा में विस्फोटक, कुकर बम, इलेक्ट्रिक स्विच और मेडिकल सामग्री बरामद की है.
ऑपरेशन ई-30 ने खोला विस्फोटक ठिकाना
गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा के अनुसार, जिला पुलिस बल की ऑपरेशन टीम ई-30, सीआरपीएफ की यंग प्लाटून (65 बटा) और बीडीएस टीम ने संयुक्त सर्च अभियान चलाया. जंगल के बीच एक पुराने पेड़ के पास पत्थरों के नीचे दबे बैगों में यह विस्फोटक सामग्री मिली. टीम को शक था कि इलाके में उदंती एरिया कमेटी के माओवादी सक्रिय हैं, जो किसी बड़े हमले की तैयारी में थे.
मेडिकल किट और कुकर बम से साफ था हमला तय
बरामद सामग्री में आईईडी बनाने के उपकरणों के साथ इंजेक्शन, टैबलेट, बैंडेज और एब्जॉर्बेंट जैसी मेडिकल सामग्री भी मिली. पुलिस का मानना है कि माओवादी जंगल में घायल साथियों के इलाज और विस्फोट की तैयारी दोनों साथ कर रहे थे. यानी जंगल के बीच ये पूरा ठिकाना इलाज और इल्ज़ाम दोनों का अड्डा बना हुआ था.
विनाश की साजिश नाकाम, लेकिन खतरा बरकरार
एसपी गरियाबंद निखिल राखेचा ने पुष्टि की है कि बरामद विस्फोटक सामग्री किसी बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा थी. पुलिस ने क्षेत्र को सील कर सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. यह बरामदगी माओवादियों के अगले हमले के प्लान को ध्वस्त करने वाली साबित हुई है. फिलहाल जंगल के हर रास्ते पर चौकसी बढ़ा दी गई है.
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