CG Coal Scam News: 570 करोड़ रुपये के कथित कोयला घोटाला मामले (Coal Scam Case) के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिलने के बाद रिहाई की संभावना नहीं है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहाई से पहले ही EOW और ACB ने इस मामले के आरोपियों में से प्रमुख किरदार सौम्या चौरसिया (Saumya Chaurasia), IAS रानू साहू (Ranu Sahu) और सूर्यकांत तिवारी (Suryakant Tiwari) को गिरफ्तार कर लिया है. यानी जमानत के बाद भी सौम्या, रानू और सूर्यकांत रिहा नहीं हो पाएंगे.
दरअसल, एसीबी ने पिछले हफ्ते ही कोर्ट से तीनों आरोपियों की रिमांड मांगी थी. इसी सिलसिले में सोमवार को कोर्ट में पेश होने के बाद एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. जहां कोर्ट से इन दोनों संस्थाओं की ओर से तीनों को तीन की कोर्ट से रिमांड मांगी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. आपको बता दें कि सौम्या चौरसिया रानू साहू समेत कोल घोटाले के 12 लोगों की कोयला घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी. इसके बाद इन सभी के रिहा होने की उम्मीद जताई जा रही थी, पर अब रायपुर की कोर्ट ने पानी फेर दिया है.
इनको मिली थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले के आरोपी रानू साहू, सौम्या चौरसिया, दीपेश टोंक, राहुल कुमार सिंह, शिव शंकर नाग, हेमंत जायसवाल, चंद्रप्रकाश जायसवाल, संदीप कुमार नाग, रोशन कुमार सिंह, समीर विश्नोई, शेख मोइनुद्दीन कुरैशी, सूर्यकांत तिवारी को सोमवार को अंतरिम जमानत दी थी.
इसलिए मिली थी जमानत
कोल घोटाले के आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस की जांच में काफी वक्त लगेगा. इसलिए समय लेने वाली प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित समझते है. कोर्ट ने कहा कि अंतरिम जमानत और रिहाई ट्रायल के आधार पर है, ताकि स्वतंत्रता और निष्पक्ष जांच के बीच संतुलन बनाया जा सके. इन सभी आरोपियों को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटेश्वर सिंह की पीठ ने अंतरिम जमानत दी थी. फैसला सुनाते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि जांच की समय लेने वाली प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए और जल्दबाजी में जांच की मांग किए बिना हम याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित समझते हैं.