Balrampur: कृषि मंत्री रामविचार नेताम के गांव में आदिवासी छात्राओं से टॉयलेट साफ कराने के लगे आरोप

CG News: बलरामपुर के एक गांव में संचालित हो रहे आदिम जाति कल्याण विभाग के प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास में पदस्थ अधीक्षिका पर छात्राओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं. हैरानी की बात यह है कि राज्य के वर्तमान कृषि मंत्री रामविचार नेताम इसी गांव से आते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Tribal Welfare Department Pre Matric Girls Hostel: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर के स्कूल और हॉस्टल से लगातार शिकायतें आ रही हैं. बीते दिनों स्कूली बच्चों के मिड-डे मील (Mid-day Meal) में लापरवाही के बाद अब आदिवासी कन्या छात्रावास (Tribal Girls Hostel) को लेकर शिकायत आई है. छात्रावास में पदस्थ अधीक्षिका पर छात्रावास के पांडू जनजाति की छात्राओं ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसको लेकर लड़कियों ने जिला कलेक्टर कार्यालय (Balrampur Collector Office) और संभाग कमिश्नर कार्यालय में शिकायत की है. छात्राओं का आरोप है कि अधीक्षिका (Girls Hostel Superintendent) उनसे टॉयलेट साफ (Toilet Cleaning) कराती है. इसके साथ ही जरूरत का सामान छात्राओं को घर से लाना पड़ता है. जिसको लेकर छात्राओं ने अधीक्षिका को हटाने के साथ ही उचित कार्रवाई करने की मांग की है.

कृषि मंत्री के गांव में अव्यवस्था

यह मामला बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के सनवाल गांव का है. जहां आदिम जाति कल्याण विभाग (Tribal Welfare Department) प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास में पदस्थ अधीक्षिका पर छात्राओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं. सबसे हैरानी की बात यह है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) में कृषि मंत्री रामविचार नेताम (Agriculture Minister Ram Vichar Netam) इसी गांव के हैं. इस गांव में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पांडू जनजाति की छात्राएं छात्रावास में रह रही हैं. छात्राओं का आरोप है कि छात्रावास में उन्हें गुणवत्ताहीन भोजन मिलता है, जब उन्होंने इसको लेकर प्रिंसिपल से शिकायत की तो उन्हें अधीक्षिका नीलिमा खलखो ने हॉस्टल से निकालने की धमकी दी. इसके बाद छात्राओं और परिजनों ने कमिश्नर और कलेक्टर से कार्रवाई की गुहार लगाई.

Advertisement

छात्राओं ने अधीक्षिका की शिकायत संभाग कमिश्नर और जिला कलेक्टर से की है.

प्री मैट्रिक छात्रावास सनवाल के छात्राओं का आरोप है कि मीनू चार्ट के अनुसार उन्हें छात्रावास में कुछ भी नहीं मिलता है. मीनू चार्ट सिर्फ हॉस्टल की दीवार पर टंगे हुए दीवार की शोभा बढ़ा रहे हैं. उन्हें खाने की चीज या फिर ओढ़ने का सामान घर से लाना पड़ता है. ऐसे में सरकार से हॉस्टल के लिए मिलने वाला बजट कहां जा रहा है? यह बड़ा सवाल उठता है.

Advertisement

मंडल संयोजक की जांच से छात्राएं नहीं हैं संतुष्ट

वहीं इस मामले में जांच करने हॉस्टल पहुंचे मंडल संयोजक बुटन यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि छात्राओं ने अपनी समस्या की शिकायत कलेक्टर कार्यालय में की थी कि उन्हें छात्रावास अधीक्षिका के द्वारा नहीं रखा जा रहा है. उन्हें निकालने की धमकी दे रही है. इस संबंध में उच्च अधिकारियों के निर्देश पर यहां जांच करने आए तो पता चला कि छात्राओं को निकाला नहीं गया है. इनका नाम रजिस्टर में दर्ज है. हालांकि, इस जांच से छात्राएं और उनके परिजन बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है और अधीक्षिका को हटाने की मांग कर रहे हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें - छत्तीसगढ़ में RTE के तहत चौंकाने वाले आंकड़े, तीन साल में 53 हजार स्टूडेंट्स ने छोड़ा स्कूल

यह भी पढ़ें - विष्णु देव साय सरकार 47 हजार से अधिक परिवारों को देगी मकान, जानें कौन होगा पात्र