CG News : छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव खत्म हो चुके हैं, लेकिन गरियाबंद जिला पंचायत का क्षेत्र क्रमांक 1 अब ‘हॉट सीट' बन चुका है. सुबह से ही इस सीट के नतीजे को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. भाजपा की नंदिनी कोमल ढीढी और कांग्रेस की होमा देवी सॉन्ग, दोनों ही खुद को विजेता घोषित कर चुके हैं. इनके समर्थक जश्न मना रहे हैं. आतिशबाजी हो रही है, मिठाइयां बांटी जा रही है. लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
142 vs 29: किसका नतीजा सही?
शुरुआती मतगणना के आधार पर भाजपा ने दावा किया कि नंदिनी कोमल ढीढी 142 वोटों से जीत गई हैं. कार्यकर्ताओं ने विजय जुलूस निकाल दिया, बधाइयों का दौर शुरू हो गया. लेकिन तभी एक नया ट्विस्ट आया.कांग्रेस ने दावा किया कि रिकाउंटिंग के बाद होमा देवी सॉन्ग 29 वोटों से विजयी हैं. इस बार कांग्रेस समर्थकों ने ढोल-नगाड़े बजाने शुरू कर दिए, आतिशबाजी हुई और जीत के पोस्टर लहराए गए.लेकिन अब प्रशासन का बयान सबको चौंकाने वाला है
प्रशासन ने साफ कह दिया है कि किसी भी तरह की रिकाउंटिंग नहीं हुई है. यानी, कांग्रेस ने जिस जीत का दावा किया है, वह प्रशासन के मुताबिक सही नहीं है.
क्षेत्र क्रमांक 1 का नतीजा तय करेगा भाजपा-कांग्रेस का समीकरण
गरियाबंद जिला पंचायत की 11 में से 7 सीट भाजपा पहले ही जीत चुकी है, जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ 1 सीट और 2 निर्दलीय प्रत्याशी जीत कर आए हैं. अगर भाजपा प्रत्याशी नंदिनी कोमल ढीढी की जीत पक्की होती है, तो भाजपा के खाते में 8 सीटें हो जाएंगी और कांग्रेस सिर्फ 1 सीट पर सिमट जाएगी. अगर कांग्रेस प्रत्याशी होमा देवी सॉन्ग विजयी होती हैं, तो कांग्रेस की संख्या बढ़कर 2 हो जाएगी, जिससे पार्टी को थोड़ी राहत मिलेगी.यानी इस सीट का नतीजा भाजपा के वर्चस्व को और मजबूत कर सकता है या कांग्रेस को कुछ राहत दे सकता है.
सुबह से सस्पेंस, प्रशासन की चुप्पी से बढ़ा संशय
इस सीट पर सुबह से ही सस्पेंस बना हुआ है. पहले भाजपा के खेमे में खुशी की लहर दौड़ी, फिर कांग्रेस खेमे में जश्न का माहौल बन गया. लेकिन प्रशासन की चुप्पी ने संशय बढ़ा दिया है.जब अधिकारियों से पूछा गया, तो उन्होंने केवल इतना कहा कि "इस सीट का आधिकारिक परिणाम कल घोषित किया जाएगा." अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर रिकाउंटिंग नहीं हुई, तो कांग्रेस ने 29 वोटों से जीत का दावा कैसे कर दिया? क्या यह किसी रणनीति का हिस्सा है? या फिर कोई तकनीकी गड़बड़ी हुई है?
अब आगे क्या?
क्या प्रशासन का फैसला किसी एक पक्ष के लिए बड़ा झटका साबित होगा? क्या यह मामला कानूनी पेंच में फंस सकता है? क्या यहां किसी बड़े उलटफेर की संभावना है? फिलहाल गरियाबंद की राजनीति इस सीट के नतीजे पर टिकी हुई है. कल जब प्रशासन आधिकारिक घोषणा करेगा, तब ही साफ होगा कि गरियाबंद जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 1 की असली विजेता कौन हैं. भाजपा की नंदिनी कोमल ढीढी या कांग्रेस की होमा देवी सॉन्ग?
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