छत्तीसगढ़: चंद्र ग्रहण से पहले मां महामाया मंदिर में पूजा-पाठ के लिए उमड़े श्रद्धालु, 12 बजे बंद होंगे पट

Ambikapur Maa Mahamaya temple: मंदिर के पुजारी बबलू महाराज ने बताया कि ग्रहण काल की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा-पाठ पर रोक लग जाती है, इसीलिए दोपहर 12 बजे से मंदिर के द्वार आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Ambikapur Maa Mahamaya temple: चंद्र ग्रहण से पहले आस्था और परंपरा का गहरा संगम देखने को मिल रहा है. छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के मां महामाया मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. लोग माता के दर्शन कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं, क्योंकि दोपहर बाद मंदिर के पट बंद होने वाले हैं.

दोपहर 12 बजे से मंदिर के द्वार आम श्रद्धालुओं के लिए बंद

मंदिर के पुजारी बबलू महाराज ने बताया कि ग्रहण काल की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा-पाठ पर रोक लग जाती है, इसीलिए दोपहर 12 बजे से मंदिर के द्वार आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे. पूरे विधि-विधान के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना की प्रक्रिया सुबह से ही जारी है.

कितने बजे लगेगा चंद्र ग्रहण

पुजारी बबलू महाराज ने बताया, 'आज रात 9 बजकर 57 मिनट पर चंद्र ग्रहण लगेगा. ग्रहण शुरू होने से नौ घंटे पूर्व सूतक काल शुरू हो जाता है, जो धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत अशुभ माना जाता है. इसी कारण सूतक लगने के साथ ही मंदिरों में पूजा-पाठ बंद कर दिए जाते हैं.'

लगभग साढ़े 3 घंटे का चंद्र ग्रहण

उन्होंने बताया कि ग्रहण समाप्ति के बाद मंदिर के पट अगले दिन पुनः खोले जाएंगे और मां महामाया की विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी. बता दें कि इस बार का चंद्र ग्रहण रात 9:58 बजे शुरू होगा और 8 सितंबर की रात 1:26 बजे पर समाप्त होगा. चंद्रमा पूरी तरह धरती की छाया में डूब जाएगा, जिसे आम भाषा में 'ब्लड मून' कहा जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चंद्रमा उस समय हल्के लाल रंग का दिखता है. यह पूरा ग्रहण लगभग 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगा और भारत के सभी हिस्सों में आसानी से दिखाई देगा.

Advertisement

चंद्र ग्रहण पर क्या करें... क्या नहीं करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण काल और उससे पूर्व लगने वाला सूतक काल पूजा-पाठ, खान-पान और शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है. गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है. इस दौरान केवल मंत्र जाप, ध्यान और ईश्वर का स्मरण करना ही शुभ माना जाता है.

ये भी पढ़े:Pitru Paksha 2025: आज से शुरू हो रहा पितृ पक्ष, जानिए श्राद्ध तिथियां और श्राद्ध करने का सही समय

Advertisement
Topics mentioned in this article