CGMSC Scam: डिप्टी डायरेक्टर अनिल परसाई और बसंत कौशिक को हाईकोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

CGMSC Scam Case: डिप्टी डायरेक्टर अनिल परसाई और बसंत कौशिक की बढ़ी मुश्किलें, जमानत याचिका खारिज

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Deputy Director Anil Parsai-Basant Kaushik bail plea rejected: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित रीएजेंट घोटाले में फंसे अफसरों को हाईकोर्ट से झटका लगा है. इन अफसरों को कोर्ट से राहत नहीं मिला और जमानत याचिका खारिज कर दी है. दरअसल, बिलासपुर हाईकोर्ट ने CGMSC डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अनिल परसाई और असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर बसंत कौशिक की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी.

शशांक चोपड़ा की जमानत याचिका खारिज  

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी 8 सितंबर को मुख्य आरोपी शशांक चोपड़ा की जमानत याचिका खारिज की थी. जांच में खुलासा हुआ था कि 1.50 से 8.50 रुपये की EDTA ट्यूब को 352 रुपये में खरीदा गया. फिलहाल शशांक चोपड़ा समेत 6 आरोपी पहले से जेल में बंद हैं.

क्या है CGMSC घोटाला?

बता दें कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन घोटाले में अधिकारियों और कारोबारियों ने सरकार को 411 करोड़ रुपये का कर्जदार बना दिया. जानकारी के मुताबिक, कई अफसरों ने मिलीभगत कर महज 27 दिनों में 750 करोड़ रुपये की सामान की खरीदी की. EOW  के मुताबिक, मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन के अफसरों ने 8 रुपये में मिलने वाला EDTA ट्यूब  2,352 रुपये और 5 लाख वाली CBS मशीन 17 लाख रुपये में खरीदी थी. वहीं CGMSC ने 300 करोड़ रुपये के रीएजेंट भी खरीदे थे.

कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?

दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर (Nanki Ram Kanwar) ने घोटाले का उजागर करते हुए पीएमओ, केंद्रीय गृहमंत्री कार्यालय, CBI और ED को लेटर लिखा था. ननकीराम कंवर की शिकायत के बाद केंद्र ने EOW को मामले की जांच के निर्देश दिए थे.

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