MGNREGA में हो रहा बड़ा फर्जीवाड़ा, फॉल्स हाजिरी और रोजगार सहायक की ठेकेदार से सांठगांठ के लगे आरोप

CG News in Hindi: छत्तीसगढ़ के कोरिया में मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों में फर्जीवाड़े के आरोप लगे हैं. बताया जा रहा है कि यहां के भंडारपारा ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक मनमाने ढंग से फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा है.

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Scam in MGNREGA: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरिया (Koriya) में मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में चल रहे कार्यों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. बताया जा रहा है कि यहां पदस्थ रोजगार सहायक अपने परिवार व रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी हाजिरी (False Attendance) भरकर मनरेगा की राशि निकाल रहे हैं. ऐसे कई मामलों की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन, मनरेगा कार्यालय व लोकपाल (MGNREGA Lokpal) तक पहुंच रही है. इसके बावजूद फर्जीवाड़ा कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है. ऐसा ही एक मामला जिले के भंडारपारा ग्राम पंचायत से सामने आया है.

वहीं इस मामले में मनरेगा लोकपाल मलखान सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत भंडारपारा में मनरेगा कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत मिली है, जिसकी जांच कर रहे हैं. जांच पूरी होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

फाल्स हाजिरी भरकर हो रहा फर्जीवाड़ा

पड़ताल में पता चला कि मनरेगा के कार्यों में सही निरीक्षण और मूल्यांकन नहीं होने से रोजगार सहायक विभागीय अफसरों के साथ मिलकर गड़बड़ी कर रहे हैं. कई जगहों पर फर्जी तरीके से मस्टररोल, फाल्स हाजिरी भरकर यह फर्जीवाड़ा हो रहा है. साथ ही मनरेगा के कार्यों को ठेके के रूप में बांट दिया जा रहा है. इसे छोटे ठेकेदारों ने अपनी कमाई का बड़ा जरिया बना लिया है. ठेके में बंट चुके मनरेगा में ठेकेदार और रोजगार सहायक अपने परिवार व रिश्तेदारों के नाम से व्यक्तिगत जॉब बनवाकर राशि निकाल रहे हैं.

वहीं मनरेगा के कार्यों को मजदूरों व मशीनों से करवाकर जैसे-तैसे पूरा करवाया जा रहा है. ऐसा ही एक मामले कोरिया जिले के भंडारपारा से सामने आया. यहां के शिकायतकर्ता संदीप तिर्की ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में की. शिकायतकर्ता का आरोप है कि मनरेगा अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में रोजगार सहायक के द्वारा अपने माता, पिता, भाई, उपसरपंच भाभी व अन्य रिश्तेदारों के नाम पर व्यक्तिगत जॉब कार्ड बनाकर फर्जी हाजिरी भरकर राशि निकाली गई है.

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भंडारपारा से सामने आई शिकायत

मनरेगा से जुड़े ऐसे कई शिकायतों में बताया गया है कि ग्राम पंचायत शंकरपुर, ग्राम पंचायत भंडारपारा, ग्राम पंचायत सलबा, ग्राम पंचायत अमरपुर में मनरेगा के कार्यों में फर्जीवाड़ा चल रहा है. भंडारपारा में 50-60 व्यक्तियों के नाम पर मस्टर रोल निकाला गया है, जबकि 10 से 15 श्रमिक ही काम पर रहते हैं. ऐसा माना जा रहा कि इस मामले में विभागीय जांच हो तो कई बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं.

कलेक्टर जनदर्शन में हुई शिकायत में बताया गया कि रोजगार सहायक लीलावती के पिता रामप्रसाद, भाई मोतीलाल, मां द्रौपदी, भाभी शशिप्रभा उपसरपंच के नाम पर जॉब कार्ड बना हुआ है. इसमें परिवार के प्रत्येक सदस्यों के नाम पर जॉब कार्ड है, जबकि नियमानुसार परिवार में किसी एक व्यक्ति के नाम पर जॉब कार्ड बनाया जाता है. यही हाल आसपास के अन्य पंचायतों में भी रोजगार सहायकों द्वारा किया जा रहा है.

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इस तरह हुआ गड़बड़ी का खुलासा 

मनरेगा के मस्टररोल रिपोर्ट की जानकारी ऑनलाइन वेबसाइट पर चेक की गई. इसके बाद पंचायत में ग्रामीणों से बातचीत करने पर पता चला कि रिपोर्ट में जिस महिला का नाम शामिल किया गया है, वह दो साल से पंचायत में नहीं रह रही है. वहीं एक श्रमिक के बारे में जानकारी मिली कि उसकी आंख में आई खराबी के कारण वह मध्य प्रदेश में है, फिर भी उसके नाम से राशि निकल रही है.

गैर निवासियों का बनाया जॉब कार्ड

ग्राम पंचायत भंडारपारा में मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों में ऐसे नामों को भी शामिल किया गया है, जो कि गांव के मूल निवासी नहीं है. मध्य प्रदेश और बैकुंठपुर नगर पालिका क्षेत्र के रहने वालों के नाम पर भी फर्जी जॉब कार्ड बनवाया गया है. हैरानी की बात तो यह है कि रोजगार सहायक के द्वारा परिवार के सदस्यों के नाम पर 100 दिन पूरा होने के बाद जनपद से जॉब कार्ड को डिलीट करके दूसरा जॉब कार्ड बनवाया गया है, जबकि साल में दो जॉब कार्ड नहीं बनाया जा सकता है.

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