कॉलोनी में पसरा सन्नाटा, दहशत में घरों में दुबके लोग, जानें कांकेर में क्या हुआ?

Leopard Attack: कांकेर जिले में तेंदुए के हमले के कारण लोगों में दहशत फैल गई है, खासकर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में जहां तेंदुआ एक गाय के बछड़े का शिकार कर चुका है. वन विभाग को सूचना देने के बावजूद अभी तक तेंदुए को पकड़ने में कोई सफलता नहीं मिली है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

CG NEWS: छत्तीसगढ़ का कांकेर जिला इन दिनों तेंदुए के हमले और उसके दहशत के कारण पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है. आए दिन तेंदुआ को देखे जाने और हमले की खबर ने लोगों के जहन में दहशत पैदा कर दी है. 

हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में तो दहशत इतनी है कि यहाँ की गलियों में सन्नाटा पसर गया है. 

दहशत में 300 घरों के 700 से अधिक लोग घर के भीतर दुबक कर रहने मजबूर है. सप्ताह भर से रोजना तेंदुआ पहुंच रहा है. मंगलवार को कॉलोनी की दीवार फांद कर गाय के बछड़े का शिकार करते वीडियो सामने आने के बाद लोग डर से कांप गए है. लोगो अब अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी डर रहे है.

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NDTV रात के वक्त कॉलोनी पहुंचा. इस दौरान गलियां सुनसान नजर आई. लोग अपने घर के दरवाजे बंद कर परिवार के साथ थे. हमे देखकर आसपास के लोग अपने परिवार और बच्चो के साथ बाहर आये. NDTV ने यहाँ रहने वाले लोगो से बातचीत की. उन्होंने बताया कि कॉलोनी के लोगों को सूचना मिली कि तेंदुआ आसपास मंडरा रहा है. 22 जून को तेंदुआ कॉलोनी में ही आ धमका. लोगो की नजर पड़ी तो यह बात आग की तरह फैल गई. लेकिन मंगलवार को जब कॉलोनी के भीतर तेंदुआ का वीडियो सामने आया तो लोग काफी डर गए है. बच्चों को अकेले छोड़ने में भी अब डर लगने लगा है. शाम होने से पहले लोग अपने सारे काम पूरे कर घर वापस लौट रहे हैं. दिन के वक्त सुबह 7 बजे भी डर में बाहर निकलते है. कही झड़ियो से निकल कर तेंदुआ उन पर हमला ना कर दे. 

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कुत्ते भी हो रहे गायब...

कॉलोनी की बहुत से स्ट्रीट लाईट भी बंद पड़ी है. झाड़ियां इतनी है कि इनके भीतर छुपे होने पर भी किसी को पता नहीं चलेगा. अब बच्चे गार्डन में भी नहीं खेलने जा रहे. सभी को घरों में दरवाजे बंद कर रखा जा रहा है. कॉलोनी से कुत्ते भी धीरे-धीरे गायब हो रहे है, तेंदुआ 2 मवेशी को अब तक निवाला भी बना चुका है. जिसमे एक मेवशी का अंतिम संस्कार कॉलोनी वासियों ने ही किया. लोग डर से इतना सहम गए है कि अब अपने बच्चों को भी स्कूल भेजने से कतराने लगे है. विभाग को सूचना देने के बावजूद विभाग इस ओर कोई पहल करता नजर नहीं आ रहा है.

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