‘महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं...’, बलरामपुर में स्वास्थ कर्मचारियों का BMO के खिलाफ फूटा गुस्सा, दी ये चेतावनी

CG NEWS- छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामानुजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों ने बुधवार को खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

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CG NEWS- छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामानुजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों ने बुधवार को खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के बैनर तले बीएमओ को हटाने की मांग को लेकर धरने पर उतर आए स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रभारी बीएमओ के ऊपर शारीरिक, मानसिक प्रताड़ना सहित कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि मामले को लेकर पूर्व में भी शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. 

दरअसल जिले के रामानुजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी के तौर पर डॉक्टर हेमंत दीक्षित पिछले दो सालों से पदस्थ हैं. उनकी कार्य शैली और बर्ताव को लेकर उनके ही विभाग के कर्मचारियों ने सवाल उठाए हैं. 
स्वास्थ कर्मचारी संघ के ब्लॉक अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने कहा कि वे लोग किसी न किसी रूप से खंड चिकित्सा अधिकारी से प्रताड़ित हैं. जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी तब तक वे हड़ताल करेंगे. उन लोगों को अभी तक सार्थक रिजल्ट नहीं मिला, जिसकी वजह से उनको डहड़ताल करने की जरूरत पड़ी.

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उन्होंने बीएमओ पर आरोप लगाया कि वे सीएल को लेकर ईएल को लेकर प्रताड़ित करते हैं, अनुपस्थित दिखा देते हैं. बदतमीजी से बात करते हैं. वहीं महिलाओं के साथ अभद्रता से पेश आते हैं. 

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स्वास्थ्य सेवाएं ठप

स्वास्थ्य कर्मियों के धरने पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप पढ़ गई है, जिससे मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके स्वास्थ्य कर्मी सामुदायिक स्वास्थ्य परिसर में ड्यूटी से लामबंद होकर धरने पर अड़े हैं. उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में जब से प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ हुए हैं तब से महिला स्वास्थ्य कर्मी हो या फिर पुरुष बीएमओ साहब के द्वारा बदसलूकी बदतमीजी करने का सिलसिला आज तक चला आ रहा है. उनके इस बर्ताव से परेशान होकर कई बार शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन उच्च अधिकारी मामले पर किसी भी तरह का संज्ञान नहीं लिए. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे. 

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