सावधान! कहीं आप जहर तो नहीं पी रहे हैं? क्योंकि इस नदी के किनारे फेंका जा रहा है बायो मेडिकल कचरा

बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (Bio Medical Waste Management) के प्रावधानों के अनुसार बायो मेडिकल कचरे को खुले में डालने पर अस्पतालों के खिलाफ जुर्माना और सजा का प्रावधान है, लेकिन जिस नगर पालिका प्रशासन को फाइन करना है या जिसे देखरेख करना है वही पूरे नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहा है.

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NDTV Ground Report: कोरोना (Covid-19) महामारी के बाद स्वच्छता और बचाव को लेकर लोग काफी सजग हुए हैं लेकिन बैकुंठपुर नगरपालिका (Baikunthpur Municipality Area) क्षेत्र की सीमा से लगे एसएलआरएम सेंटर (SLRM Center) के पास बुरा हाल है. यहां अस्पताल (Hospital) से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट (Medical Waste) को गेज नदी (Gauge River) के किनारे पर फेंका जा रहा है. फेंके गए मेडिकल वेस्ट में डिस्पोजेबल निडिल (Disposable Needle), खून से सनी पट्टियों से लेकर एक्सपायर हो चुकी दवाइयां और ह्यूमन फ्लैश के टुकड़े भी दिख रहे हैं. नदी किनारे ही लाल, काली, पीली और नीली प्लास्टिक की थैलियों में बड़ी मात्रा में कचरा यहां डंप किया जा रहा है. मेडिकल वेस्ट को उचित प्रबंध न करके ऐसे खुले में फेंकने से यहां दुर्गंध फैली हुई है. जिसके कारण आसपास में रह रहे लोगों के साथ-साथ पर्यावरण (Environment) को भी खतरा है. चिंता की बात यह है कि जिस गेज नदी किनारे नगर पालिका प्रशासन मेडिकल वेस्ट को डंप कर रहा है, उसी गेज नदी का पानी बैकुंठपुर के लोग (People of Baikunthpur) पीते हैं. नदी किनारे ही मेडिकल वेस्ट डंप करने से यहां संक्रमण का खतरा (Risk of Infection) भी बना हुआ है.

CG News: नदी के किनारे फैला मेडिकल वेस्ट

लापरवाही से फैल रहा है बायो वेस्ट 

अस्पताल अधीक्षक को पूरे अस्पताल की साफ-सफाई और मैनेजमेंट देखना होता है, लेकिन उनकी लापरवाही की वजह से अस्पताल के बायो वेस्ट कचरे को ट्रैक्टर में लोड करा कर आवासीय कॉलोनी (Residential Colony) के बगल में नदी के पास फेंक दिया जा रहा है. जिससे वहां रहने वाले लोगों में डर है, गंदगी के कारण उनका जीना दूभर हो गया है. बदबू और गंदे कपड़े को जानवर चारों ओर फैला रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है.

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CG News: नदी के किनारे फैले मेडिकल वेस्ट में लगाई गई आग

अस्पतालों में उपयोग की जाने वाली इंजेक्शन, दवाओं की शीशी और ऑपरेशन में प्रयोग किए गए ब्लेड, गंदा ब्लड, मांस, पट्टियां, सिरिंज, खाली बोतल, टिश्यू आदि मेडिकल कचरे का ढेर नदी के किनारे फेंक दिया गया है. बायो वेस्ट के निस्तारण के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन जिला अस्पताल प्रबंधन नहीं कर रहा है.

CG News: नदी के किनारे विभिन्न रंग की थैलियों में भरा मेडिकल वेस्ट

इन कचड़ों में कई ऐसी सड़ी-गली चीजें भी होती हैं, जिसे खाने के लिए कुत्ते भी आ जाते हैं. इससे जानवरों में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है.

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स्थानीय निवासी अनुराग दुबे बताते हैं कि बैकुंठपुर जिला अस्पताल (Baikunthpur District Hospital) से निकला हुआ मेडिकल वेस्ट खुले में ही फेंका जा रहा है. इसके पास में ही गौठान बनाया गया है. गाय इस कचरे को खाकर बीमार पड़ती हैं. इस कचरे से लोगों को भी खतरा है. बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (Bio Medical Waste Management) के प्रावधानों के अनुसार बायो मेडिकल कचरे को खुले में डालने पर अस्पतालों के खिलाफ जुर्माना और सजा का प्रावधान है, लेकिन जिस नगर पालिका प्रशासन को फाइन करना है या जिसे देखरेख करना है वही पूरे नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहा है.

CG News: बैकुंठपुर नगर पालिका परिसर का कार्यालय

कलेक्टर ने कहा जांच कर व्यवस्थाओं को सुधरवाएंगे 

इस मामले में कोरिया के कलेक्टर (Korea Collector) विनय कुमार लंगेह ने कहा है कि जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक (District Health Committee Meeting) में अस्पताल प्रबंधन को बायो मेडिकल वेस्ट को सामान्य कचरे के साथ नहीं मिलाने के निर्देश दिए गए हैं. अंबिकापुर से आने वाली फर्म को ही बायोमेडिकल वेस्ट देने की बात कही गई है. वर्तमान में बायो मेडिकल वेस्ट कचरे में डालकर फेंकने का मामला संज्ञान में आया है, जिसके लिए दोबारा सीएमएचओ (CMHO) कोरिया को निर्देशित किया गया है जल्द ही इस तरह की गतिविधियों को बंद कर व्यवस्थाओं को सुधारने की हिदायत दी गई है.

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