CG Naxal Encounter: मारे गए 31 में से 16 नक्सलियों की हुई पहचान, इतने करोड़ का था इनाम

CG Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 31 नक्सलियों में से 16 की पहचान हो गई है. इन माओवादियों पर 1.30 करोड़ रुपये का इनाम था. 

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

CG Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 31 नक्सलियों में से 16 की पहचान हो गई है. इन माओवादियों पर 1.30 करोड़ रुपये का इनाम था. 

पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने बताया कि नारायणपुर-दंतेवाड़ा अंतर-जिला सीमा पर थुथुली और नेंदुर के बीच जंगल में अबूझमाड़ क्षेत्र में शुक्रवार को सुरक्षा बलों के साथ संयुक्त अभियान में 13 महिला नक्सलियों सहित 31 नक्सलियों को मार गिराया गया.

नीति उर्फ उर्मिला ढेर

उन्होंने बताया कि इनमें से नीति उर्फ उर्मिला दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) की महिला सदस्य थी, जो माओवादियों का सबसे मजबूत संगठन है और उस पर 25 लाख रुपये का इनाम था. उन्होंने कहा कि वह इस साल राज्य में मारी गई डीकेएसजेडसी की चौथी सदस्य थी.

उन्होंने कहा कि वह माओवादियों के पूर्वी बस्तर डिवीजन का नेतृत्व कर रही थी, जो नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, बीजापुर और कोंडागांव जिलों के जंक्शन पर सक्रिय है. डीकेएसजेडसी छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के अलावा पड़ोसी आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में माओवादियों की गतिविधियों को संभालता है. 

Advertisement

मारे गए ये प्रमुख कैडर

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आईजी ने कहा, "मारे गए 31 लोगों में से हमने अब तक 16 की पहचान कर ली है. हमने जिन दो अन्य प्रमुख कैडर की पहचान की है, वे हैं सुरेश सलाम और मीना मड़कम. वे डिवीजनल कमेटी के सदस्य थे, जिन पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था. आठ उग्रवादी पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) कंपनी नंबर 6 के सदस्य थे और पांच माओवादियों की एरिया कमेटी का हिस्सा थे." उन्होंने कहा, "इन 16 नक्सलियों पर कुल 1.30 करोड़ से अधिक का इनाम था. 

क्या-क्या बरामद हुआ? 

मुठभेड़ स्थल से एक एलएमजी राइफल, चार एके-47 राइफल, छह एसएलआर (सेल्फ-लोडिंग राइफल), 3 इंसास राइफल, एक 303 बोर राइफल, अन्य कैलिबर राइफल, स्थानीय रूप से निर्मित हथियार, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और अन्य माओवादी संबंधित सामग्री बरामद की गई. शेष 15 मारे गए कैडरों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं." 

Advertisement

‘पीएलजीए कंपनी को गंभीर झटका' 

आईजी ने बताया कि इस ऑपरेशन ने निस्संदेह माओवादियों और उनके प्रमुख संरचनाओं, अर्थात् पूर्वी बस्तर डिवीजन और पीएलजीए कंपनी को एक गंभीर झटका दिया है और चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों और मानसून के कारण उफनती नदी के बावजूद सुरक्षा बलों द्वारा इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया. नक्सलियों द्वारा अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल) शेल की फायरिंग के कारण हुए विस्फोट में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान घायल हो गया. उसका रायपुर में इलाज चल रहा है और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है. 

24 साल पहले राज्य के गठन के बाद से यह किसी एक अभियान में माओवादियों द्वारा झेली गई सबसे बड़ी मात है. यह हमला कांकेर जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में हाई रैंक के कैडर सहित 29 नक्सलियों के मारे जाने के पांच महीने से अधिक समय बाद हुआ है. 

Advertisement

‘नौ महीनों में नक्सलियों को भारी नुकसान'

पुलिस ने कहा कि बेहतर समन्वय और रणनीति के साथ सुरक्षा बलों ने पिछले नौ महीनों में नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. आईपीएस अधिकारी ने कहा कि इस साल अब तक बस्तर संभाग में अलग-अलग मुठभेड़ों के बाद 188 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. बस्तर संभाग में सात जिले कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा शामिल हैं.उन्होंने कहा कि इसी अवधि के दौरान संभाग में 706 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 733 ने आत्मसमर्पण किया है. 

दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने कहा कि पुलिस का मुख्य उद्देश्य पांच जिलों के जंक्शन पर दुर्गम जंगलों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा करना है, जहां माओवादियों का पूर्वी बस्तर संभाग संचालित होता है.  एसपी ने कहा कि हमारा ध्यान लोगों को माओवादियों के चंगुल से मुक्त कराने पर है ताकि क्षेत्र में विकास हो सके और शांति स्थापित हो सके. 

ये भी पढ़ें- CG Naxal Encounter: मारे गए कमलेश, नीति और नंदू? खूंखार नक्सलियों को 1500 जवानों ने ऐसे घेरा

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)