अवैध रेत उत्खनन को लेकर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने जताई नाराजगी, खनिज विभाग के सचिव से मांगा जवाब

Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अवैध रेत उत्खनन के मामले को हाइकोर्ट ने गंभीर माना है. साथ ही अरपा नदी में हो रहे अवैध उत्खनन पर कड़ी नाराजगी भी जाहिर की है. 

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Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अवैध रेत उत्खनन के मामले को हाइकोर्ट ने गंभीर माना है. साथ ही अरपा नदी में हो रहे अवैध उत्खनन पर कड़ी नाराजगी भी जाहिर की है. 

रेत के अवैध उत्खनन को लेकर लगी याचिका पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी डी गुरु की डबल बैंच में बुधवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कैसे पर्यावरण का संरक्षण हो पाएगा जब पर्यावरण की धज्जियां उड़ाई जा रही है. उन्होंने कहा की विभाग आंखें बंद कर बैठा हुआ है. 

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खनिज विभाग के सचिव से मांगा जवाब

इस मामले में खनिज विभाग के सचिव से शपथपत्र में जवाब भी तलब किया है. उन्होंने बेहद स्पष्ट और सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि शपथ पत्र में यह स्पष्ट करें कि अवैध उत्खनन से व्यक्तिगत कार्रवाई और संबंधित व्यक्ति पर जुर्माना की क्या कार्रवाई की गई है?  

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इस याचिका पर हुई सुनवाई

दरअसल, अरपा अर्पण महा अभियान समिति और अन्य याचिका पर लगातार सुनवाई चल रही है. अरपा अर्पण महा अभियान के वकील अंकित पांडे ने 1 जनवरी 2024 से लेकर 7 सितंबर 2024 तक अखबारों में छपी खबर का कवरिंग मेंमो पेश किया. वहीं चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने भी लोखंडी में अवैध उत्खनन को लेकर छपी खबर का संज्ञान लिया. दरअसल 26 अक्टूबर 2024 को अखबार में लोखंडी घाट में अवैध उत्खनन का मामला छापा गया था, जिस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए निर्देश जारी किए हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 9 दिसंबर को निर्धारित की गई है. 

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