ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी और सहायक अधीक्षक रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, एंटी करप्शन ब्यूरो ने बुना था जाल

Caught Red Handed Two officer: दंतेवाड़ा जिले के सुनील कुमार नाग ने जगदलपुर कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी कि विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में किराए पर चलाए जा रहे दो वाहनों के बिलों का भुगतान जनवरी से लंबित था. जब बिलों के भुगतान के लिए उसने कार्यालय से संपर्क किया, तो उससे 15 हजार रुपए रिश्वत मांगी गई.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
रायपुर:

CG Anti Corruption Bureau: छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शुक्रवार को अलग-अलग मामलों में विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी और संचालनालय (स्वास्थ्य सेवाएं) के सहायक अधीक्षक को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. एंटी करप्सन ब्यूरो के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि दंतेवाड़ा से किसी ने दोनों अधिकारियों के बारे में शिकायत दी थी. 

 दंतेवाड़ा जिले के सुनील कुमार नाग ने जगदलपुर कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी कि विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में किराए पर चलाए जा रहे दो वाहनों के बिलों का भुगतान जनवरी से लंबित था. जब बिलों के भुगतान के लिए उसने कार्यालय से संपर्क किया, तो उससे 15 हजार रुपए रिश्वत मांगी गई.

15 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ विकासखंड चिकित्सा अधिकारी

छ्त्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि शिकायत के बाद ब्यूरो ने शिकायतकर्ता नाग को विकासखंड चिकित्सान अधिकारी वेणू गोपाल राव के कार्यालय में पैसे लेकर भेजा और राव ने जैसे ही पैसा लिया ब्यूरो की टीम राव को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया.

गरियाबंद जिले में 20 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया सहायक अधीक्षक

अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य घटना में गरियाबंद जिले के राजिम स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्टाफ नर्स नेमिका तिवारी ने ब्यूरो के रायपुर कार्यालय में शिकायत की थी कि उसने अध्ययन अवकाश की स्वीकृति के लिए जिला स्वास्थ्य कार्यालय में आवेदन दिया था.

छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी ने बताया रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुए दोनों अधिकारियों क्रमशः विकास खंड चिकित्सा अधिकारी वेणू गोपाल राव और सहायक अधीक्षक सूरज कुमार नाग को  भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.

फाइल आगे बढ़ाने के लिए सहायक अधीक्षक ने शिकायतकर्ता नर्स से मांगी थी रिश्वत 

शिकायतकर्ता के अनुसार आवेदन कार्यवाही के लिए संयुक्त संचालक (नर्सिंग), संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के कार्यालय में लंबित था. फाइल को आगे बढ़ाने के लिए सहायक अधीक्षक सूरज कुमार नाग ने 20 हजार रुपए रिश्वत मांगी. शिकायत के बाद तिवारी को पैसे लेकर शासकीय आवास भेजा गया. नाग ने जैसे ही 20 हजार रुपए लिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

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