जर्जर रपटा पुल बना मुसीबत: 7 साल से मरम्मत का इंतज़ार, परेशान ग्रामीणों ने लगाई मदद की गुहार

बिलासपुर के तखतपुर क्षेत्र के विजयपुर गांव का जर्जर rapta bridge सात साल से मरम्मत का इंतजार कर रहा है. Broken bridge India, rural infrastructure crisis और government negligence news जैसे मुद्दों के बीच ग्रामीण हर दिन खतरे में गुजरने को मजबूर हैं.

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बिलासपुर के तखतपुर क्षेत्र के विजयपुर गांव में जर्जर रपटा पुल स्थानीय लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है. सात साल से मरम्मत का इंतजार कर रहे ग्रामीण अब मजबूरी में उसी टूटे हुए पुल से गुजरने को विवश हैं. हालत इतनी खराब है कि मिट्टी धंस चुकी है और कंक्रीट टूटकर सरिये तक दिखाई देने लगे हैं. थककर परेशान ग्रामीण अब प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

सात साल से खराब हालत में पुल

विजयपुर गांव के पास बना यह रपटा पुल यहां के 15–20 गांवों को जोड़ता है. बाढ़ के बाद से यह पुल पूरी तरह खराब हो चुका है, लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं हो पाई. खस्ताहाल पुल पर चलना लोगों के लिए खतरा बन चुका है.

हर दिन जोखिम उठाकर गुजरने को मजबूर

ग्रामीण बताते हैं कि पुल की मिट्टी धंस चुकी है और कई जगह कंक्रीट टूटकर सरिये बाहर आ गए हैं. मजबूरी में लोग रोज इसी खतरनाक पुल से गुजरते हैं. बारिश के मौसम में स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है, लेकिन विकल्प न होने के कारण वे खुद को जोखिम में डालकर उसी रास्ते से आते-जाते हैं.

लोरमी से बिलासपुर तक का छोटा रास्ता बंद

इस पुल के चलते लोरमी से बिलासपुर जाने का यह सबसे नज़दीकी मार्ग था. लेकिन पुल बंद पड़ जाने के कारण अब लोगों को 7 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है. इस अतिरिक्त दूरी का सबसे बड़ा असर बच्चों, मरीजों, मजदूरों और रोज़ाना आने-जाने वालों पर पड़ रहा है.

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ग्रामीणों ने खुद मुरूम डालकर रास्ता संभाला

प्रशासन की ओर से कोई सुध न लेने पर ग्रामीणों ने आपस में मिलकर पुल पर मुरूम डालकर रास्ते को किसी तरह चलने लायक बनाया है. उनका कहना है कि यह सिर्फ एक अस्थायी राहत है, असली समाधान पुल की तत्काल मरम्मत ही है.

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शाम होते ही और बढ़ जाता है खतरा

ग्रामीणों के अनुसार शाम ढलते ही पुल के आसपास नशेड़ियों की भीड़ लगने लगती है, जिससे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त चिंता बढ़ जाती है. पहले से जर्जर पुल पर लोगों की सुरक्षा का जोखिम दोहरा हो जाता है.

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75 लाख मंजूर हुए थे, पर काम अटका

ग्रामीणों का दावा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रपटा पुल की मरम्मत के लिए करीब 75 लाख रुपये मंजूर किए थे. लेकिन सरकार बदलने के बाद निर्माण कार्य रुक गया और आज तक दोबारा शुरू नहीं हो पाया. लोग मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस पुल का निर्माण कराया जाए ताकि उनकी परेशानियों का अंत हो सके.

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