Bilaspur: जीवनदीप समिति में 30 करोड़ रु. की गड़बड़ी का आरोप, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

Jeevandeep Committee: बिलासपुर में जीवनदीप समिति में 30 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद कलेक्टर डॉ. संजय अग्रवाल नेसीएमएचओ को जांच के निर्देश दिए हैं.

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Bilaspur Health Department Fraud: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिले के तीन ब्लॉकों तखतपुर, मस्तूरी और कोटा में जीवनदीप समिति के माध्यम से वितरित की गई लगभग 30 से 35 करोड़ रुपये की राशि के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज की गई. जिसके बाद कलेक्टर डॉ. संजय अग्रवाल ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शुभा गरेवाल को जांच के आदेश दिए हैं. जांच रिपोर्ट सात दिन के भीतर प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.

स्वास्थ्य विभाग में फर्जीवाड़ा का आरोप

1. डीएमएफ फंड, मुख्यमंत्री राहत कोष, कोविड-19 टीकाकरण प्रोत्साहन राशि का गलत उपयोग.

2. जीवनदीप समिति को दी गई अनुदान व दान राशि की गड़बड़ी

3. वर्ष 2021 से 2024 के बीच की वित्तीय अनियमितताएं

4. रिटायर्ड और तत्कालीन सीएमएचओ, बीएमओ और कार्यालय कर्मियों की संदिग्ध भूमिका

संघ की शिकायत के बाद हुआ खुलासा

इस घोटाले की शिकायत छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष रविंद्र तिवारी ने की थी.उन्होंने मांग की कि इस घोटाले की जांच किसी उच्चस्तरीय कमेटी से कराई जाए, ताकि दोषियों पर पारदर्शी कार्रवाई हो सके. सीएमएचओ डॉ. शुभा गरेवाल ने जानकारी दी कि कलेक्टर के निर्देशानुसार, जांच प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है. संभागीय संयुक्त संचालक से मार्गदर्शन के बाद जांच समिति गठित की जाएगी.

बता दें कि राज्य शासन ने वर्ष 2006 में अस्पतालों की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जीवनदीप समितियों की स्थापना की थी. समिति को अनुदान, दान और जांच शुल्क से फंड एकत्र करने और आवश्यकता अनुसार डॉक्टर व स्टाफ की नियुक्ति का अधिकार प्राप्त है, लेकिन अब इन्हीं समितियों के माध्यम से भारी आर्थिक अनियमितता की आशंका जताई जा रही है.

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