Biggest Jackfruit: कटहल हो तो ऐसा... वजन 36 किलो, देखने वाले रह गए हैरान, किसान को मिला इनाम

Jackfruit festival: छत्तीसगढ़ के जशपुर में आयोजित कटहल मेले में एक 36.63 किलो वजनी कटहल ने सबका ध्यान आकर्षित किया. इस कटहल को प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया. मेले में कटहल के फायदों और उत्पादन को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई. कटहल में विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं.

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कटहल मेला

Jashpur Kathal Mela: स्वास्थ्य के लिए वरदान कटहल तो आपने खाए होंगे. आमतौर पर औसतन 4-5 किलो के कटहल भी आपने देखे होंगे. लेकिन क्या आपने 36 किलो का कटहल (Biggest Jackfruit) देखा है? दरअसल, छत्तीसगढ़ के जशपुर में आयोजित कटहल मेले में एक कटहल अपने वजन की वजह से सबके आकर्षण का केंद्र बन गया. 36.63 किलो वजनी इस कटहल को प्रथम पुरस्कार से भी नवाजा गया.  

कटहल फसलों के प्रसंस्करण, नवाचार और उत्पादित फसलों के लिए विपणन के तौर-तरीकों का प्रशिक्षण देकर उनके आय में वृद्धि के साथ ही जीवनस्तर में सुधार के लिए जिला प्रशासन और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की तरफ जशपुर में कटहल मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में कटहल की उपयोगिता, अधिक उत्पादन के लिए वैज्ञानिक तकनीकों के प्रयोग, कटहल से नवाचार एवं इससे बनने वाले अन्य उत्पादों के बारे में जानकारी दी गयी. मेले में कटहल से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी. इसमें किसानों द्वारा लाए गए सबसे बड़े और सबसे लंबे कटहल को पुरस्कृत किया गया. 

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‘कटहल को सूखाकर रखते थे हमारे पूर्वज'

जशपुर विधायक रायमुनी भगत ने कहा कि कटहल जशपुर के मुख्य फल उत्पाद में से एक है. किसानों के लिए यह एक आजीविका का साधन भी है. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज पहले से ही कटहल का मौसम बीत जाने के बाद इसे सूखाकर सहेजा करते थे जो साल भर खराब नहीं होता था. खाद्य पदार्थों की कमी होती थी तब कटहल खाद्य सुरक्षा में सहायक का कार्य करता था. फिर भी बहुत अधिक उत्पादित कटहल गायों को खिला दिया करते थे.  पुरातन विधियों के साथ नवीन वैज्ञानिक विधि से कटहल का प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन कर किसानों की आय में वृद्धि करना इस मेले का उद्देश्य है. जिले में बड़े पैमाने पर कटहल का उत्पादन होता है, जिसे देखते हुए किसानों की आय में वृद्धि में कटहल अहम भूमिका निभा सकता है. कटहल के प्रसंस्करण के क्षेत्र में नए नए अविष्कार हो रहे हैं। कई बीमारियों के उपचार में भी कटहल अहम भूमिका निभा सकता है. उन्होंने महिला समूहों और किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा कर कटहल के प्रसंस्करण हेतु कुटीर उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए. 

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कटहल मेला

कटहल चमत्कारी फल...

कलेक्टर रोहित व्यास ने कटहल को एक चमत्कारी फल की संज्ञा देते हुए कहा कि जिले में यह बहुतायत मात्रा में उत्पादित होता है. कटहल में विटामीन सी, विटामिन ए, मैग्नीश्सियम, फाइबर और अन्य पोषक तत्व शामिल है. उन्होंने कहा कि कटहल के फायदों को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है. इसके प्रसंस्करण एवं संवर्धन के लिए जिले में विभिन्न प्रयास किये जा रहे है. महिला स्वसहायता समूहों को इससे आचार, पापड़ जैसे उत्पाद बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. प्रसंस्करण के बाद उसके विपणन के लिए बाजार भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं.  कटहल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अग्रणी किसानों को उन्नत किस्म के कटहल के पौधे उपलब्ध कराने हेतु नवीन योजना का भी निर्माण किया जा रहा है, जिससे इसके अधिक उत्पादन कर ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त किया जा सके.

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इस कटहल ने किया कमाल

मेले में किसानों द्वारा सबसे बड़े और लंबे कटहल लाने वाले किसानों को पुरस्कार राशि और प्रतिक चिन्ह भेंट किया गया. इसके तहत कुरमीटिकरा, पत्थलगावं के त्रिलोचन सिंह को उनके द्वारा लाए गए 36.63 किलो कटहल के लिए प्रथम पुरस्कार स्वरूप 5001 रूपए की राशि दिया गया. मेले में कृषि विशेषज्ञों द्वारा कटहल में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दी गई. मेले मे बताया गया कि कटहल में भरपूर मात्रा में विटामिन, फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. जो कि वजन कम करने में सहायक होता है. इसके साथ ही डायबिटिज में भी सहायक है. यह इम्यूनिटी बढ़ाता है और ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है. मेले में कटहल से बने आचार, पापड़, चिप्स सहित अन्य उत्पाद को प्रदर्शित किया गया था. 

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