ED Raid in Bhupesh Baghel House: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) को कोर्ट ने पांच दिन के लिए ईडी (ED) की रिमांड पर भेज दिया है. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने शुक्रवार की सुबह लगभग 6 बजे भिलाई स्थित आवास पर शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Policy Scam) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में छापामारी की थी. इसकी जानकारी भूपेश बघेल ने भी दी थी. छापामारी और पूछताछ के दौरान ही करीब 12 बजे ईडी ने चैतन्य को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया था.
दुर्ग जिले के भिलाई में स्थित आवास पर ईडी पहुंची थी, जहां भूपेश बघेल अपने बेटे चैतन्य सहित परिवार के साथ रहते हैं. ईडी की कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था. इसके साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ता भी पहुंच गए थे. भूपेश बघेल ने बताया कि चैतन्य का आज जन्मदिन भी है.
चैतन्य बघेल से कथित रूप से जुड़ी कंपनियों को कथित शराब घोटाले से अर्जित लगभग 17 करोड़ रुपये की 'अपराध आय प्राप्त हुई.'' लगभग 1,070 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ ही चैतन्य बघेल की भूमिका भी एजेंसी की जांच के दायरे में है.
ईडी ने दावा किया है कि 'घोटाले' के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को 'भारी नुकसान' हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम गई.
2019-22 के बीच हुआ घोटाला
ईडी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला 2019 और 2022 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी. इस जांच के तहत अब तक एजेंसी ने विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. 2024 में, उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में ईडी की पहली ईसीआईआर (प्राथमिकी) को रद्द कर दिया था, जो आयकर विभाग की एक शिकायत पर आधारित थी.
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