Bhilai Steel Plant Mock Drill: भिलाई स्टील प्लांट में देखें मॉक ड्रिल की तस्वीरें, ब्लैक आउट के दौरान करें ये काम

Bhilai Steel Plant Mock Drill: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में आयोजित सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया था. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना और सुरक्षात्मक प्रोटोकॉल्स की कार्यकुशलता का परीक्षण करना था.

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Mock Drill in Chhattisgarh: भिलाई स्टील प्लांट बुधवार शाम को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की गई. इस दौरान नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ, NDRF), एसडीआरएफ (SDRF), सीआईएसएफ (CISF) एवं बीएसपी (भिलाई स्टी प्लांट) ने संयुक्त रूप से आपातकाली स्थिति से निपटने का अभ्यास किया है. सभी ने संयुक्त रूप से स्टील प्लांच के तीन स्थानों मानव संसाधन विकास विभाग, रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल और ब्लास्ट फर्नेस-7 के सामने वेलफेयर बिल्डिंग में मॉक ड्रिल का आयोजन किया. मॉक ड्रिल के जरिए आपातकाली स्थिति से निपटने जैसे, युद्ध या हवाई हमले के दौरान बचाव कार्य से लेकर या ऐसी किसी भी स्थिति पर काबू पाने के लिए योजनाबद्ध अभ्यास किया गया.

आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए नागरिकों को तैयार करने और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के उद्देश्य से यह मॉक ड्रिल की गई है. आपदा प्रबंधन के अभ्यास शुरू होते हुई आपात स्थिति और लोगों के घायल होने की जानकारी मिलते ही खतरे की घंटी बजी. फिर भिलाई स्टील प्लांट की एजेंसिंया सक्रिय हुईं और एनडीआरएफ को भी सूचना दी गई.

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मॉक ड्रिल में फायर ब्रिगेड, सेफ्टी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, ऊर्जा प्रबंधन विभाग, सीआईएसएफ, ऑक्यूपेशनल हेल्थ सर्विसेस विभाग, सिविल डिफेन्स और विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई.

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एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड ने मिलकर अंदर फंसे घायलों को बाहर निकाला और प्राथमिक उपचार देकर एंबुलेंस से तत्काल अस्पताल पहुंचाया. इस दौरान विभिन्न कार्यवाही को प्रोटोकॉल के अनुरूप अंजाम दिया गया. सभी गतिविधियों की मॉनिटरिंग की गई, साथ ही खामियों को नोट करके उन पर ध्यान दिया गया.

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इसके अलावा पुलिस और जिला प्रशासन ने सेक्टर-10 स्थित रेल चौक व सूर्या मॉल में भी मॉक ड्रिल और ब्लैक आउट की रिहर्सल की. ‘रेड अलर्ट' सायरन बजने के साथ ही मॉक ड्रिल अभ्यास प्रारंभ हुई और ‘ऑल क्लियर' सायरन बजने के साथ समाप्त की गई. मॉकड्रिल के दौरान नागरिकों को अपने घरों में कोनों में खड़े होने या जमीन पर लेटने व लेटते समय अपने दांतों के बीच कपड़े या रूमाल दबा कर रखने एवं दोनों कानों को हाथ से ढककर रखने की अपील की गई थी.


शाम को साढ़े 7 बजे दुर्ग जिले में ब्लैक आउट हुआ. पूरे शहर में सेक्टर-1 व सेक्टर-9 हॉस्पिटल को छोड़कर ब्लैक आउट के दौरान विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बंद रही. इस दौरान लोगों को जनरेटर, इन्वर्टर, इमरजेंसी लाइट या मोबाइल टॉर्च आदि अन्य उपकरणों का प्रयोग नहीं करने को कहा. साथ ही सड़कों पर चलने वाले वाहनों को रोककर लाइट बंद करने को कहा. अलर्ट सायरन को समझने के लिए सोशल मीडिया, वॉट्सऐप ग्रुप और माइक के जरिए लोगों को जागरूक किया. साथ ही इन सावधानियों का सख्ती से पालन का अनुरोध किया गया.

ब्लैक आउट के दौरान करें यह काम

ब्लैक आउट के दौरान आम लोगों को लाइटें और पर्दे से खिड़की बंद करनी चाहिए. इसी के साथ गाड़ी की लाइटें बंद करना या ढकना होगा. किसी सुरक्षित जगह पर जाना होगा. इस दौरान खुले स्थान से दूर रहना होगा. ब्लैक आउट के समय टॉर्च, दवाई और बैटरी तैयार रखनी चाहिए. इस समय में अफवाहों से बचना चाहिए. इस दौरान सोशल मीडिया पर गलत जानकारी शेयर नहीं करनी है. सिर्फ सरकारी आदेशों का ही पालन करना चाहिए. इसमें आम लोगों को सरकार का पूरा सहयोग करना चाहिए.

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