नक्सलियों से खाली हो गया माड़ का इलाका! सरेंडर से पहले लीडर रुपेश बोला- न लोग बचे न संसाधन, ऐसे टूटी कमर 

Naxalite Rupesh Surrender News: सरेंडर से पहले मीडिया से हुई बातचीत में नक्सली रुपेश ने कई सारे खुलासे किए हैं. रुपेश ने बताया कि माड़ इलाके में नक्सल संगठन कमजोर हो चुका था. 

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माड़ इलाके के ये सभी नक्सली आज सीएम साय के सामने हथियार डालेंगे.

Chhattisgarh Naxalites Surrender: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज देश का सबसे बड़ा नक्सल सरेंडर होने जा रहा है. माड़ इलाके के करीब 200 नक्सली आज सरेंडर कर रहे हैं. इसके बाद ये माना जा रहा है कि इन नक्सलियों के सरेंडर के बाद अबूझमाड़ का इलाका नक्सलियों से खाली हो जाएगा. इसके पहले इस इलाके में नक्सल संगठन लाल लड़ाके और संसाधनों की कमीं से जूझ रहा था. सरेंडर से पहले नक्सली लीडर रुपेश ने कई सारे खुलासे किए हैं. 

नक्सली रुपेश ने बताई ये बात 

सरेंडर के लिए मुख्यालय पहुंचने से पहले नक्सली रुपेश ने मीडिया से हुई बातचीत में बताया कि माड़ इलाके में अब नक्सलियों के सारे विभाग खत्म हो गए हैं. इसकी वजह है कि इस इलाके के कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है तो कुछ एनकाउंटर में मारे गए हैं. उनके पास लोगों की कमीं हो गई है. संसाधनों की कमीं से जूझ रहे हैं. ऐसे में सारे विभाग खत्म हो गए हैं. 

दशकों से नक्सलियों के कब्जे में था ये इलाका

दरअसल अबूझमाड़ का पूरा इलाका कई सालों से नक्सलियों के कब्जे में था. यहां नक्सलियों की इजाजत के बिना एक पत्ता तक नहीं हिलता था, ऐसे में विकास तो बेहद दूर की बात थी. इलाके के लोग सालों से मूलभूत सुविधाओं को तरसते थे. लेकिन सालभर के अंदर यहां तेजी से नक्सल संगठन को जोरदार झटका लगा. अब बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर पर भी ये इलाका नक्सलियों के कब्जे से खाली हो गया है. 

थुलथुली एनकाउंटर से टूटी कमर

इस इलाके में जिन नक्सलियों का खौफ था उनमें से कईयों का सालभर पहले एनकाउंटर हुआ. अबूझमाड़ के थुलथुली में बीते सालभर पहले बड़ा एनकाउंटर हुआ था. जिसमें 38 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था. इनमें इलाके के कई खूंखार और बड़े नक्सली भी थे. इसके बाद धीरे-धीरे यहां संगठन कमजोर पड़ता गया. नए लड़ाकों की भर्ती बंद हो गई. सुरक्षा बलों की पैठ से नक्सलियों के पास धीरे-धीरे संसाधन कम होने लगे और इस इलाके में नक्सली बेहद कमजोर पड़ गए. इनके नेता बसवराजू के एनकाउंटर के बाद तो सबसे बड़ा झटका लगा. अब बड़ी संख्या में इस इलाके के नक्सलियों के सरेंडर के बाद इस इलाके से नक्सलियों का लगभग सफाया हो गया है. 

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