Naxalites Letter PLGA Saptah: नक्सल मामले से जुड़ी एक बड़ी खबर है. नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी सरेंडर को तैयार नहीं है. हाल में नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी की ओर से जारी एक पत्र में इसका खुलासा हुआ है. नक्सली 2 से 8 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह भी मनाने जा रहे हैं. नक्सलियों के पत्र में इस बात का जिक्र है कि वे अब संघर्ष और और तेज करेंगे और आखिरी सांस तक लड़ेंगे.
दरअसल सरकार ने मार्च 2026 नक्सलियों के खात्में का ऐलान किया है. बसवाराजू, हिड़मा सहित कई बड़े नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है. इस बीच भूपति, रूपेश जैसे कई नक्सलियों ने सरेंडर भी किया है. इसी भय से नक्सलियों के MMC (मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़) जोन ने भी हथियार छोड़ने का मन बना लिया और सरकार से कहा था कि हथियार छोड़ने को तैयार हैं, हमें 15 फरवरी 2026 तक का वक्त दें. लेकिन अब नक्सलियों की सेंट्रल मिलिटरी कमिशन की ओर से जारी एक पत्र ने एक बार फिर से खलबली मचा दी है.
दरअसल नक्सल संगठन की सेंट्रल मिलिटरी कमिशन ने 17 पेज का एक बुकलेट जारी किया है. इसमें लिखा है कि दिसंबर 2024 से नवंबर 2025 तक 11 महीनों में देशभर में पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है. इन महीनों में देशभर में 320 साथी मारे गए हैं. इनमें 187 पुरुष और 117 महिलाएं हैं जबकि 20 अन्य लोगों का विवरण नहीं है.
नक्सलियों ने लिखा है कि पीएलजीए की 25वीं वर्षगांठ को दो दिसंबर से 8 दिसंबर तक देशभर में क्रांतिकारी उत्साह के साथ मनाएंगे. ये भी लिखा है कि प्रतिक्रांतिकारी कगार युद्ध को, पीएलजीए को, जनसंगठनों को, क्रांतिकारी आंदोलन को बचाएंगे. केंद्र और राज्य सरकारों के विरोध में वर्ग संघर्ष को भी तेज करेंगे. सरेंडर कर चुके नक्सली भूपति, रूपेश को नक्सलियों ने गद्दार बताया है.
दो गुट में बंटा संगठन
इधर नक्सली दो गुट में बंटे हुए हैं. नक्सलियों का एक गुट हथियार छोड़कर सरेंडर कर रहा है. लगातार सरेंडर का सिलसिला जारी है. इसकमें कई बड़े नक्सल नेता हैं. एमएमसी जोन के नक्सलियों ने भी सरेंडर का मन बनाया है. तो वहीं दूसरा गुट सरेंडर को राजी नहीं हैं. सेंट्रल मिलिटरी कमिशन ने भी तय किया है कि वे हथियार नहीं डालेंगे.
फोर्स अलर्ट
इधर नक्सलियों के इस पत्र के जारी होने के बाद नक्सल प्रभावित राज्यों में भी सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. खुफिया एजेंसी भी सतर्क है. पीएलजीए सप्ताह के दौरान कोई बड़ी वारदात नक्सली न कर सकें इसलिए फोर्स हर जगह अलर्ट है. सरकार की लगातार अपील है कि नक्सली हथियार छोड़कर पुनर्वास कर लें. इधर हिड़मा, बसवराजू जैसे नेताओं के सरेंडर के बाद नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है.