Sundarraj P: गांव ने माना नहीं था IPS बन गया, आज बस्तर में नक्सलियों के छक्के छुड़ा रहे ये अफसर, जानें इनकी कहानी 

IPS P Sundarraj Sundarraj Story: आज हम आपको एक ऐसे आईपीएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके अफसर बनने के बाद गांव ने माना नहीं था कि ये पुलिस ऑफिसर बन गया है.लेकिन ये पुलिस अफसर आज बस्तर में नक्सलियों के छक्के छुड़ा रहे हैं. 

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Naxal Area Bastar IG IPS Sundarraj P Story: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सल सफाए का अभियान तेज़ी से जारी है. मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है और इसी मिशन की सबसे महत्वपूर्ण कमान संभाल रहे हैं IG पी. सुंदरराज. एक ऐसा नाम, जिसने बस्तर के घने जंगलों में नक्सलियों की कमर तोड़कर नया इतिहास रच दिया है. लेकिन इनकी असली कहानी इससे भी ज्यादा दिलचस्प है, क्योंकि कभी इनके अपने गांव तक को यकीन नहीं था कि ये सचमुच IPS बन चुके हैं. 

हालही में NDTV को दिए एक इंटरव्यू में सुंदरराज पी ने अपने अफसर बनने की कहानी को साझा किया था. सुंदरराज पी तमिलनाडु के कोयंबटूर के एक गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता और पूरा परिवार खेती किसानी से जुड़ा हुआ है. वे साल  2003 के IPS अफसर हैं. पी सुंदरराज का पहले ही अटेम्पट में सलेक्शन हो गया था. उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला और वे 22 सालों से यहां सेवाएं दे रहे हैं. 

पी सुंदरराज ने BSC एग्रीकल्चर साइंस कोयंबटूर से की है. वे बताते हैं कि पढ़ाई करते वक्त सरकारी नौकरी के बारे में आइडिया नहीं था. पहले ऐसा सोचते थे कि सरकारी नौकरी में वही आ सकते हैं जिनके परिवार के लोग सरकारी नौकरी में हैं. इसलिए कभी सोचा नहीं था. लेकिन कॉलेज के कुछ सीनियर्स जो आईएएस और आईपीएस बने हैं उन्होंने प्रेरित किया. सीनियर क्लासेस लेते थे.तैयारी कैसे करना है ये बताते थे. 

सुंदरराज ने बताया कि इच्छा थी कि वर्दी पहनकर देश की सेवा करूं.पहले अटेम्ट में सलेक्शन हुआ.सभी ने मोटिवेट किया. इसलिए मैंने ज्यादा कुछ सोचा नहीं. मुझे हिंदी नहीं आती थी. पढ़ाई के वक्त हिंदी का सब्जेक्ट नहीं था. आईपीएस  की ट्रेनिंग के दौरान हिंदी सीखी.अब हिंदी पढ़ने-लिखने, बोलने में किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है. 

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गांव के लोग देखने आए तब यकीन हुआ

सुंदरराज पी बताते हैं कि जब वे आईपीएस अफसर बने थे तब गांव को यकीन नहीं था कि वे अफसर बन चुके हैं. सभी ये सोचते थे कि कॉलेज का प्रोफेसर होगा. तहकीकात करने के लिए गांव के कुछ लोग छत्तीसगढ़ आए थे. यहां आकर देखा तब उन्हें यकीन हुआ कि सचमुच सुंदरराज पुलिस अफसर बन गया है. 

सुंदरराज पी खेती किसानी करने के भी बहुत शौकीन हैं. आज भी जब भी वे अपने गांव जाते हैं तो इस काम में जरूर परिवार का हाथ बंटाते हैं. वे बताते हैं कि मेरे हर कामों में पत्नी पूरा सहयोग करती हैं. 

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लंबे समय से दे रहे सेवा

नक्सल इलाके में वे लंबे समय से सेवाएं दे रहे हैं. कांग्रेस सरकार के कार्य़काल में भी उन्होंने बस्तर में नक्सलियों के सफाए को लेकर बेहतर काम किया था. इसके बाद विष्णु देव सरकार में भी नक्सलियों के खात्मे के लिए पूरा मोर्चा संभाले हुए हैं. 

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