माड़वी हिड़मा की ये बड़ी गलती और एनकाउंटर में हो गया ढेर, जानें सुरक्षा बलों के चक्रव्यूह में कैसे फंसा खूंखार नक्सली?  

Most Wanted Naxalite Hidma Encounter: मोस्ट वांटेड नक्सली माड़वी हिड़मा एनकाउंटर में ढेर हो गया है. आइए जानते हैं थ्री लेयर सिक्योरिटी में रहने वाला मास्टर माइंड हिड़मा की किस गलती की वजह से वह सुरक्षाबलों के चक्रव्यूह में फंसकर ढेर हो गया. 

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Naxalite Madavi Hidma Enounter: मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा का एनकाउंटर हो गया है. सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी उसने सरेंडर नहीं किया आखिरकार वह मारा गया. हर बार बड़े ऑपरेशन्स के बीच से बचकर निकलने वाला हिड़मा आखिरकार इस बार जवानों के चक्रव्यूह में कैसे फंस गया? इसकी हमने पड़ताल की तो कई जानकारियां सामने आई हैं. आइए जानते हैं हिड़मा की किस गलती से वह 18 नवंबर को ढेर हो गया. 

18 नवंबर 2025... पुलिस के एंटी नक्सल ऑपरेशन्स का सबसे बड़ा दिन है. क्योंकि सुरक्षा बलों ने इस दिन एक करोड़ रुपये के इनामी मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा को ढेर कर दिया. ये नक्सल संगठन में बस्तर के लिए रीढ़ की हड्डी था. सरेंडर को राजी नहीं था. थ्री लेयर की कड़ी सुरक्षा में रहने वाला हिड़मा हर बार बड़े ऑपरेशन्स से बचकर निकल जाता था. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका. वो जवानों के चक्रव्यूह में फंस गया. 

इस बार बदल ली प्लानिंग और ये जगह चुनी 

NDTV को एंटी नक्सल ऑपरेशन्स से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस बार हिड़मा की सबसे बड़ी गलती लोकेशन्स बदलना थी. यानि कि हर बार छत्तीसगढ़ से तेलंगाना को चुनने वाला हिड़मा इस बार इतना घबरा चुका था कि उसने आंध्रप्रदेश की ओर मूव कर लिया. लेकिन यहां वह हर बार की तरह सेफ नहीं रह सका. आंध्रप्रदेश की खूफिया एजेंसी को इसके आंध्रप्रदेश के बॉर्डर पर घुसने का पुख्ता इनपुट मिला. यहां की ग्रेहाउंड फोर्स घने जंगलों में घुसी और उसे ढेर कर दिया. 

कर्रेगुट्टा ऑपरेशन्स के बाद ठिकाना बदल रहा था 

दरअसल कर्रेगुट्टा हिड़मा और उसकी टीम का बेहद सुरक्षित ठिकाना था. लेकिन कुछ महीने पहले एक बड़ा ऑपरेशन सुरक्षा बलों ने यहां लांच किया था. मकसद हिड़मा और उसकी पूरी टीम को घेरना था, लेकिन हिड़मा यहां से भी सुरक्षित बाहर निकल गया था. इसके बाद सुरक्षा बलों के भारी दबाव के कारण वह ठिकाना बदल रहा था. इसकी सही लोकेशन्स के बारे में फोर्स को जानकारी होती थी लेकिन उसके इटेलिजेंस इतने तेज थे कि हर बार वह बच निकलता था. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका. पत्नी के साथ वह भी मारा गया. 

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अपील के 8 दिनों के अंदर हो गया खात्मा 

10 नवंबर को डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा खुद हिड़मा के गांव पूवर्ती भी पहुंचे थे. हिड़मा और देवा की मांओं से मिले और दोनों को सरेंडर करवाने की अपील की थी. लेकिन हिड़मा नहीं माना. मां की मार्मिक अपील के बाद 8 दिन के अंदर उसका खात्मा हो गया. 

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