Baloda Bazar: 820 क्विंटल धान गायब, कलेक्टर ने दिखाई सख्ती, साढ़े 20 लाख रुपए की बैंक गारंटी जब्त करने के दिए निर्देश

CG News: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में  धान घोटाले के मामले में एक कार्रवाई हुई है.कलेक्टर दीपक सोनी ने सख्ती दिखाते हुए 20.50 लाख रुपए की बैंक गारंटी जब्त करने का आदेश दिया है. 

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के  बलौदा बाजार जिले के ग्राम अमेरा स्थित लक्ष्मी ट्रेडर्स में 820 क्विंटल धान गायब मिलने से हड़कंप मच गया है.इस पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर 20.50 लाख रुपए की बैंक गारंटी जब्त करने का आदेश दिया गया है. 

ऐसे हुआ खुलासा

बलौदा बाजार जिले में धान खरीदी और कस्टम मिलिंग प्रक्रिया में भारी लापरवाही और अनियमितता का खुलासा हुआ है. कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर सहायक खाद्य अधिकारी अमित शुक्ला और खाद्य निरीक्षक कमलनारायण साहू ने ग्राम अमेरा स्थित लक्ष्मी ट्रेडर्स के राइस मिल का निरीक्षण किया.

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भौतिक सत्यापन के दौरान राइस मिल में 820 क्विंटल धान कम पाया गया. इस धान का मूल्य ₹2,500 प्रति क्विंटल की दर से 20.50 लाख रुपए आंका गया.

प्रशासन ने इस नुकसान की भरपाई खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ बलौदा बाजार में लक्ष्मी ट्रेडर्स द्वारा जमा की गई बैंक गारंटी से करने का निर्णय लिया है.

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कलेक्टर बोले- कार्रवाई हो रही है

कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि शासन के आदेश पर धान खरीदी की जा रही है. साथ ही मिलिंग के लाई मिलर को दिया जा रहा है. जो मिलर मिलिंग करके चावल वापस कर रहे हैं. इसी तरह से जो धान लक्ष्मी ट्रेडर्स द्वारा उठाव किया गया था उसपर सूचना मिली कि वहां धान कम है, इसका फिजिकल वेरिफिकेशन कराया गया. जिसमें 820 क्विंटल धान कम मिला, इस पर उनके बैंक गारंटी को जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सख्त निर्देश दिए गए हैं कि धान खरीदी और मिलिंग में अनियमितता और लापरवाही करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए.

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छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 की कंडिका 3(3), 4(3), 5(1), 6(1)(2)(3), और 12 का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है.इसके अतिरिक्त,इन अनियमितताओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत दंडनीय अपराध माना गया है. 

जांच में हुआ खुलासा

जांच में पाया गया कि राइस मिलर ने अनुसूची 2 के अनुसार कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के तहत निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया.इसमें मासिक विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया था. साथ ही स्टॉक की जानकारी ऑनलाइन मिलर मॉड्यूल में दर्ज नहीं की गई और कस्टम मिलिंग स्टॉक पंजी बी-1 का संधारण नहीं किया गया.

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