Balodabazar Violence: फिलहाल बलौदाबाजार शहर में 20 जून तक लागू रहेगी धारा 144, 21 सदस्यीय टीम कर रही जांच

Baloda Bazar: 10 जून को अचानक हुई हिंसा और आगजनी में उपद्रवियों ने संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में आगजनी को देखते हुए नगर पालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत धारा 144 गत 10 जून की रात्रि 9 बजे से 16 जून की मध्य रात्रि 12 बजे तक लागू किया गया था. 

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Balodabazar Break Out: छत्तीसगढ़ में हिंसा और आगजनी की शिकार हुई नगर पालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने आगामी 20 जून मध्य रात्रि तक धारा 144 लागू रखने का फैसला किया है. जिला कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 10 जून से लागू धारा 144 को 20 जून की तक के लिए बढ़ा दिया है.

10 जून को अचानक हुई हिंसा और आगजनी में उपद्रवियों ने संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में आगजनी को देखते हुए नगर पालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत धारा 144 गत 10 जून की रात्रि 9 बजे से 16 जून की मध्य रात्रि 12 बजे तक लागू किया गया था. 

अगले आदेश तक बलौदाबाजार में रैली या जुलूस पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा

नगर पालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रख के लिए कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी दीपक सोनी द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अंतर्गत धारा 144 (1) एवं (2) के तहत धारा 144 की अवधि बढ़ाने का आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत नगर पालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में आगामी आदेश तक रैली या जुलूस पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा.

नगर पालिका बलौदा बाजार सीमा क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेंगे व्यक्ति 

जिला प्रशासन के आदेश के मुताबिक नगर पालिका बलौदा बाजार के सीमा क्षेत्र में लागू धारा 144 के चलते अन्य जिले अथवा बाहरी व्यक्तियों का 5 या उससे अधिक व्यक्तियों के समूह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का शस्त्र तलवार, फरसा, भाला, लाठी, चाकू, छुरा, कुल्हाड़ी, गुप्ती, त्रिशुल, खुकरी आदि को लेकर सार्वजनिक स्थान पर नहीं निकलेगा.

चलने में असमर्थ वृद्ध और दिव्यांगजन लाठी का प्रयोग कर सकेंगे

हालांकि आगामी 20 जून तक बढ़ाए गए धारा 144 के दौरान अपवाद स्वरूप जो व्यक्ति शासकीय कर्तव्य पर हैं, वे ड्यूटी के दौरान अस्त्र-शस्त्र धारण कर सकेंगे, जबकि ऐसे वृद्ध एवं दिव्यांग जो लाठी के बिना चलने में असमर्थ हैं, वे लाठी का प्रयोग कर सकेंगे.

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