IAS Deepak Soni Story: आज हम छत्तीसगढ़ के एक ऐसे युवा IAS अफसर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिनके अंदर काम करने का जुनून गजब का है. नक्सल इलाके से लेकर मैदानी क्षेत्र के जिन जिलों में भी उनकी पोस्टिंग रही है, वहां शानदार काम कर कमाल दिखाया है. यहां तक की जलते बलौदाबाजार को संभाला औऱ बदलाव लाकर दिखाया. उन्हें 18 नवंबर को राष्ट्रीय अवार्ड से नवाजा गया है. हम बात कर रहे हैं युवा IAS अफसर दीपक सोनी की.. आइए जानते हैं इनके बारे में सबकुछ...
छत्तीसगढ़ के दुर्ग के रहने वाले साल 2011 के आईएएस अफसर दीपक सोनी इन दिनों बलौदाबाजार जिले की कमान संभाले हुए हैं. वे यहां के कलेक्टर हैं. जल संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर काम कर जिले को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान दिलाई है. उन्हें राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु की मौजूदगी में एक करोड़ रुपये का चेक और प्रशस्ति पत्र मिला है. इनकी उपलब्धि सिर्फ इस जिले तक ही नहीं है. इसके पहले भी वे जहां रहे हैं नवाचारों के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर जिले को पहचान दिलाई है. इनके कामों की चर्चा देशभर में होती रही है.
नक्सल इलाके में बदली थी तस्वीर
दीपक सोनी की पोस्टिंग रायपुर, सूरजपुर, बस्तर के दंतेवाड़ा और कोंडागांव जिलों में भी रही है. दंतेवाड़ा में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने जिले की तस्वीर बदलने का काम किया था. डैनेक्स गारमेंट फैक्ट्री की शुरूआत कर दंतेवाड़ा को एक नई पहचान दिलाई थी. इसके जरिए हजारों महिलाओं के लिए रोजगार के द्वार खुले थे. ऐसे ही सरेंडर नक्सलियों को रोजगार से जोड़ने की शुरूआत, नक्सल इलाकों में खुद बाइक पर सवार होकर पहुंचकर वहां ग्रामीणों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने, स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों में कई सारे काम किए थे. इन कामों की देशभर में काफी सराहना भी हुई थी. इसके बाद कोंडागांव जिले में भी इनकी कई सारी उपलब्धियां रही हैं.
रायपुर के कलेक्टर रहे ओपी चौधरी के इस्तीफे के बाद दीपक सोनी ने ही बतौर कलेक्टर रायपुर जिले की कमान संभाली थी. उस वक्त दीपक जिला पंचायत सीईओ थे. ओपी चौधरी अभी छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री हैं.
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जलते बलौदाबाजार को संभाला
साल 2024 को दीपक सोनी को विष्णु सरकार ने तब बलौदाबाजार भेजा था जब बलौदाबाजार जल रहा था. यहां के कलेक्टोरेट को आग के हवाले कर दिया गया था. इस आगजनी कांड के बाद बलौदाबाजार में तनाव का माहौल था. इस बीच सरकार ने दीपक सोनी पर भरोसा जताकर उन्हें बलौदाबाजार भेजा. तनाव भरे माहौल के बीच दीपक सोनी ने यहां की कमान संभाली और लोगों के बीच जाकर उनसे मुलाकातें शुरू कीं. इसके बाद यहां भी सरकार की योजनाओं पर उसी जुनून के साथ काम शुरू किए. अब इसका नतीजा सामने है. उनके कामों की गूंज दिल्ली तक पहुंची और राष्ट्रीय अवार्ड से नवाजा गया है.