Baloda Bazar News: बलौदा बाजार में इसलिए भड़की हिंसा, पुलिस की बड़ी लापरवाही आई सामने

Balodabazar Violence News: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में सतनामी समाज के धार्मिक स्तंभ (जैतखाम) को नुकसान पहुंचाने के विरोध में सतनामी समाज का आंदोलन सोमवार को हिंसक हो गया. इस मौके पर आंदोलनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और कलेक्टर कार्यालय परिसर में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की .

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Baloda Bazar News: मनखे-मनखे एक समान का मंत्र देने वाले सतनामी समाज के प्रवर्तक बाबा गुरु घासीदास (Baba Guru Ghasidas) ने समाज को एकता एवं भाईचारे से जोड़ने का काम किया. बता दें कि बाबा की तपोभूमि गिरौदपुरी (Giroudpuri) में लचर कानून व्यवस्था के कारण असामाजिक तत्वों ने सतनाम समाज के आस्था के केंद्र अमर गुफा (Amar Gufa) में स्थित महकोनी मंदिर परिसर में जमकर तांडव मचाया था. इसके कारण सतनाम पंथ को मानने वाले और बाबा गुरु घासीदास पर विश्वास करने वाले लोगों में प्रशासन और असामाजिक तत्वों के खिलाफ भारी आक्रोश था.

हालात ये है कि पुलिस की कार्रवाई पर समाज को भरोसा नहीं है. यही वजह है कि जब पुलिस तीन लोगों को गिरफ्तार कर अपनी कहानी बताई, तो उसे समाज मानने को तैयार नहीं हुआ. इसके बाद समाज के लोग सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. इस पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा की थी. इधर, सतनामी समाज की ओर से बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट का घेराव का ऐलान किया गया. इसके मद्देनजर सोमवार को  कलेक्ट्रेट परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था और बैरिकेडिंग की गई थी. इसके बाद भी पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोक पाने में असफल रही. इसका खामियाजा कलेक्ट्रेट परिसर में आए लोगों को अपनी गाड़ियों का नुकसान कर उठाना पड़ा. दरअसल, सतनामी समाज के प्रदर्शन में शामिल असामाजिक तत्वों ने जमकर उत्पात मचाते हुए परिसर में खड़ी गाड़ियों में तोड़-फोड़ के साथ ही बड़ी संख्या में गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.

लोग कर रहे थे सीबीआई जांच की मांग

गौरतलब है कि 15- 16 मई की रात और असामाजिक तत्वों ने महाकौनी के मंदिर में तोड़फोड़ की. इस पर पुलिस एफआईआर दर्ज कर तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की. गिरफ्तारी के वक्त पुलिस ने जो कहानी बताई, वह समाज के लोगों ने मानने से इंकार करते हुए सीबीआई जांच की मांग शुरू कर दी.

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पुलिस ने ये बताई थी कहानी

पुलिस की कहानी के मुताबिक सतनाम समाज के ही एक व्यक्ति के यहां काम करने वाले बिहार के रहने वाले तीन युवकों ने भुगतान नहीं मिलने पर गुस्से में आकर समाज के मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया था. इधर, समाज के गुस्से को देखते हुए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा करने के साथ ही लोगों से सामाजिक सद्भावना बनाए रखने की अपील की थी. इस अपील के बाद भी सोमवार को सतनामी समाज के लोगों ने बलोदा बाजार के दशहरा मैदान में धरना प्रदर्शन के बाद रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे. यह रैली कलेक्ट तक न पहुंचे, इसके लिए जिले भर की पुलिस बल तैनात की गई थी. साथ ही रैली को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन समाज के उत्पाती युवकों ने बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए कलेक्ट्रेट परिसर पहुंच गए. इसी दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने कलेक्टर परिसर में खड़ी गाड़ियों को पलट दिया और मोटरसाइकिल में आग लगा दी.

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पुलिस की गंभीर लापरवाही आई सामने

इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की गंभीर लापरवाही भी सामने आई है. एक तरफ जहां पुलिस अपनी कार्रवाई में विश्वास पैदा नहीं कर पाई. वहीं, दूसरी ओर समाज के मांग पर जांच को अधूरा छोड़ दिया. तीसरी ओर समाज की चेतावनी के बाद भी बलोदा बाजार शहर के बीच भीड़ को इकट्ठा होने दी. इतना ही नहीं पुलिस का इंटेलिजेंस भी फेल होता हुआ दिखाई दिया, जिस प्रदर्शन में प्रदेशभर के हजारों लोग शामिल हो रहे थे. वहां पर सुरक्षाबलों की भारी कमी देखने को मिली.

हालात को कैसे संभालेगी पुलिस

बहरहाल, अब देखने की बात होगी कि पुलिस इस पूरे घटनाक्रम पर किस तरह से एक्शन लेती है, क्योंकि जिस तरह से अब तक दिखाई दिया है, उसमें पुलिस हर जगह कमजोर और पिटती नजर आई है. पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी इस पूरे घटनाक्रम में क्या कुछ कार्रवाई कर पाते हैं, यह भी देखने की बात होगी. इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस शुरू से ही जिस तरह से मीडिया से दूरी बनाकर रखी, लगता नहीं है कि आगे भी इस घटना में कोई कार्रवाई पुलिस से हो पाएगी.

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ये भी पढ़ें- फेल हुआ पुलिस विभाग का इंटेलिजेंस

जैतखाम तोड़फोड़ की घटना के विरोध में सतनाम समाज के लोग बलौदा बाजार पहुंच रहे थे. इसकी सूचना पुलिस सहित तमाम लॉ एंड ऑर्डर संभालने वाले विभागों को पहले से दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिस तरह से तैयारी की गई थी, वह नाकाफी साबित हुई. इंटेलिजेंस भी फेल होता नजर आया, क्योंकि दूसरे जिले से बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे थे. इसकी वजह से उपद्रव मचाने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन पुलिस विभाग इस पर पूरी तरह से फेल नजर आया.

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