350 से अधिक नक्सलियों का खात्मा! 2200+ गिरफ्तारी व आत्मसमर्पण, अमित शाह का दावा 2026 तक लाल आंतक से मुक्ति

Naxalism in Chhattisgarh: केंद्रीय गृहमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि 31 मार्च 2026 के बाद देश में नक्सलवाद केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, यह हमारा संकल्प है. वहीं छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों में लगातार नक्सवाद पर प्रहार किया जा रहा है और इसमें सफलता भी हालिस हो रही है.

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Naxalism in Chhattisgarh: अमित शाह का बड़ा बयान

Chhattisgarh Naxalism: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सीएम विष्णु देव साय के कार्यकाल में नक्सलवाद पर जमकर प्रहार हो रहा है. वहीं अमित शाह (Union Minister Amit Shah) भी नक्सल एनकाउंटर से लेकर नक्सलियों के आत्मसमर्पण तक की हर घटना पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. 4 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे. शाह अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान ‘बस्तर पंडुम' महोत्सव के समापन समारोह में शामिल होंगे और नक्सल विरोधी अभियानों (Anti Naxal Operation) में शामिल सुरक्षाबलों के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे. शाह लगातार यह कहते हैं आए हैं कि मार्च 2026 नक्सलवाद को खत्म कर देंगे. आइए जानते हैं छत्तीसगढ़ में कैसे नक्सलवाद की कमर टूट रही है.

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नक्सलवाद के खात्मे की ओर बढ़ता भारत

एक अप्रैल को अमित शाह ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि सरकार 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि देश में नक्सलवाद से प्रभावित कुल 38 जिलों में से अति प्रभावित जिलों की संख्या 12 से घटकर 6 हो गई है. इनमें छत्तीसगढ़ के चार जिले (बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर और सुकमा), झारखंड का पश्चिमी सिंहभूम और महाराष्ट्र का गढ़चिरौली शामिल हैं.

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शाह ने कहा कि नक्सलवाद से प्रभावित जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. पहली श्रेणी "अति प्रभावित जिले" (Most Affected Districts) की संख्या 12 से घटकर 6 हो गई. दूसरी श्रेणी "डिस्ट्रिक्ट ऑफ कन्सर्न" (Districts of Concern), जहां अतिरिक्त संसाधनों की सघन आवश्यकता है, जिनकी संख्या 9 से घटकर 6 रह गई है. इनमें आंध्र प्रदेश का अल्लूरी सीताराम राजू, मध्य प्रदेश का बालाघाट, ओडिशा के कालाहांडी, कंधमाल और मलकानगिरी, और तेलंगाना का भद्राद्रि-कोठागुडेम जिला शामिल हैं. तीसरी श्रेणी "अन्य एलडब्ल्यूई प्रभावित जिले" (Other LWE-affected Districts) की संख्या भी 17 से घटकर 6 हो गई, जिसमें छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, गरियाबंद और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, झारखंड का लातेहार, ओडिशा का नुआपाड़ा और तेलंगाना का मुलुगु जिला शामिल हैं.
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Chhattisgarh Naxalism: नक्सलवाद पर प्रहार

छत्तीसगढ़ में ऐसे हो रहा है काम

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि "हमारी नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति- 2025 का परिणाम है कि  नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया जाना ऐतिहासिक है. इस महत्वपूर्ण कामयाबी के लिए सुरक्षाबलों को बहुत-बहुत बधाई. नक्सलवाद के कुचक्र में फंसे लोग अब बंदूक छोड़कर पुनः समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं, जो स्वागतेय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद का खात्मा तय है. इसके तहत डबल इंजन की सरकार में प्रदेश में अब तक 2200 से ज्यादा नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है और आत्मसमर्पण किया है, साथ ही अब तक 350 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं. बस्तर संभाग के सुदूर अंचलों में हमारी सरकार द्वारा लगातार नए सुरक्षा कैंप स्थापित करने, नियद नेल्ला नार योजना से सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है. हमारी सरकार, लाल आतंक का दामन छोड़ शांति के रास्ते पर लौटने वाले इन लोगों के पुनरुत्थान के लिए तत्पर है."

वहीं डिप्टी सीएम विजय शर्मा का कहना है कि "केंद्रीय गृहमंत्री का दृढ़ संकल्प है, उनके संकल्प शक्ति के साथ माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरी टीम काम कर रही है. छत्तीसगढ़ एवं बस्तर में मार्च 2026 या उससे पहले भी सशस्त्र नक्सलवाद समाप्त होगा. जो बंदूक लेकर जंगल में व्यर्थ चलते थे वे अब समाज की मुख्यधारा में वापस आ रहे है. भटके लोगों से अपील है, आप भी नक्सलवाद की काली छाया त्याग लोकतंत्र से प्रकाशित मुख्यधारा में वापस आएं. केंद्रीय गृहमंत्री का 5 अप्रैल को दंतेवाड़ा दौरा है. माता दंतेश्वरी जी के दर्शन के बाद बस्तर पंडुम कार्यक्रम में शामिल होंगे, बस्तर के स्थानीय नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से भेंट करेंगे, सुरक्षाबलों के बहादुर कमांडर्स से मिल हौंसला बढ़ाएंगे.

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