तहसीलदार पति ने दहेज के एक करोड़ मांगे, प्रेग्नेंट हुई तो गर्भपात कराया, CM से शिकायत के लिए पत्नी पहुंची तो पुलिस ने रोका 

CG News: छत्तीसगढ़ में एक तहसीलदार पर दहेज प्रताड़ना और गर्भपात कराने के गंभीर आरोप लगे हैं. ये आरोप तहसीलदार की पत्नी ने लगाया है. इसकी शिकायत अंबिकापुर पहुंचे सीएम साय से तहसीलदार की पत्नी करना चाहती थी. लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने नहीं दिया. 

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में एक महिला ने अपने तहसीलदार पति पर एक करोड़ रुपये दहेज मांगने और धोखे में रखकर अबॉर्शन कराने का आरोप लगाया है. इसकी शिकायत अम्बिकापुर पुलिस से की गई है. वहीं इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की तो विवाहिता सरगुजा प्रवास पर आए सीएम विष्णुदेव साय से शिकायत करने पहुंची. लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उसे सीएम से नहीं मिलने दिया. पीड़िता का कहना है कि उसे आश्वासन देकर पुलिस ने उसे वापस भेज दिया है.पीड़िता का पति वर्तमान में जगदलपुर में पदस्थ है. 

2022 को हुई थी दोनों की शादी 

दरअसल सरगुजा जिले के सीतापुर के आमाटोली निवासी रेनू गुप्ता ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए शिकायत पत्र में बताया है कि उसकी शादी वर्ष 2022 में बालोद जिले के रहने वाले तहसीलदार राहुल गुप्ता के साथ हुई थी.शादी के दौरान ससुराल वालों की मांग पर क्रेटा कार खरीदने के लिए 18 लाख रुपये, 12 लाख रुपए नगद, पांच लाख रुपए के जेवर एवं घरेलू सामान के लिए 1.95 लाख रुपए दिए थे. इसके अलावा शादी में लाखों रुपए खर्च हुए. रेनू गुप्ता के पिता पालू राम गुप्ता हायर सेकेंडरी स्कूल से प्राचार्य पद से रिटायर हुए हैं.उन्होंने इस राशि के अलावा जमीन बेचकर शादी में पैसे खर्च किए थे. 

49 दिन बाद घर से निकाला, धोखे से कराया अबॉर्शन

शिकायत में रेनू गुप्ता ने बताया है शादी के बाद वह ससुराल पहुंची तो उससे दहेज में एक करोड़ रुपए की मांग करते हुए प्रताड़ित किया गया. ससुराल पक्ष ने उसे छोड़ने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. रेनू के पिता उसे पगफेरा के लिए 14 जनवरी 2023 को सीतापुर लेकर आए. इसके बाद एक करोड़ रुपए नहीं देने पर पति विदाई कराने नहीं आए. 

रेनू गुप्ता ने आरोप लगाया है कि पति राहुल गुप्ता ने 17 जनवरी 2023 व 21 जनवरी 2023 को वॉट्सऐप पर मैसेज भेजा कि रेनू गुप्ता अब उसकी पत्नी नहीं है और उससे कोई संबंध नहीं है. तहसीलदार के द्वारा मात्र 49 दिन ही अपने घर में रखा गया. इस बीच रेनू गुप्ता के प्रेग्नेंट होने की जानकारी राहुल गुप्ता को लगी तो उसने मेडिकल स्टोर से अबॉर्शन की दवा लेकर उसे धोखे में आयरन गोली बताकर खिला दिया. जब रेनू गुप्ता की तबीयत बिगड़ी तो उसे अंबिकापुर के एक निजी हॉस्पिटल ले जाकर उसका अबॉर्शन करा दिया.

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रेनू ने बताया कि पिछले दो सालों से न्याय के लिए वह लगातार पुलिस थाना और अलग-अलग सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रही है लेकिन न तो उसका पति उसे रखने के लिए तैयार है और न ही पुलिस इस मामले में कोई का कार्रवाई कर रही है. पूरे मामले में NDTV ने तहसीलदार का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. जैसे ही उनका बयान सामने आएगा हम उसे भी छापेंगे.  

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